सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को मुर्गियों की हालत को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई पूरी होते-होते चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने छह वरिष्ठ वकीलों के खानपान के बारे में पता लगा लिया। चीफ जस्टिस के साथ ही जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने जनहित याचिका पर सुनवाई की। वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल ने बहस की शुरुआत करते हुए बताया कि अगर उच्चतम न्यायालय से थोड़ी सी भी मदद मिल जाए तो पॉल्ट्री फार्म में और अन्य जगहों पर जिस तरह से मुर्गियों को रखा जाता है, उसमें सुधार हो सकता है। उन्होंने देश में पशु कल्याण कानूनों का पालन न हो पाने की बात भी कही। इस पर जजों की बैंच ने वेणुगोपाल से पूछा कि क्या उन्होंने ध्यान दिया है कि बाजार में दुकानों में किस तरह से चिकन को रखा जाता है। चीफ जस्टिस ने कहा, ”वे अधमरे हो चुके होते हैं। उनके पंख उड़ जाते हैं। वे बीमार से लगते हैं। सर्दी और गर्मी में आप जब उन्हें इस तरह से देखना अच्छा नहीं लगता।”
इस पर वेणुगोपाल ने कहा कि पॉल्ट्री फार्म वाले नर चिकन को मार देते हैं क्यों कि वे उनके किसी काम नहीं नहीं होते हैं। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, ”मिस्टर वेणुगोपाल, आप शाकाहारी हैं या मांसाहारी?” वेणुगोपाल ने जवाब दिया, ”स्ट्रिक्टली नॉन वेजीटेरियन यानि पूरी तरह से मांसाहारी।” वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लुथरा ने भी बताया कि वे भी नॉन वेजीटेरियन है। वेणगोपाल ने बैंच को बताया कि साल 2010 और 2013 में बोर्ड ने मुर्गियों को पिंजरे में रखने पर नियमों की सिफारिश की थी लेकिन सरकार ने इस पर काम नहीं किया। सरकार का रूख जानने के लिए सॉलिसीटर जनरल रनजीत कुमार की जरूरत पड़ी लेकिन वे कोर्ट में नहीं थे। जब वकीलों से सॉलिसीटर जनरल के खाने की आदत के बारे पूछा गया तो बैंच को बताया गया कि वे शाकाहारी हैं। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, ”ऐसा लगता है कि मांसाहार लेने वाले जो शाकाहारी चाहते हैं उसके लिए लड़ेंगे और इसका उल्टा भी हो सकता है।”
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कोर्ट में अपने केस की बारी का इंतजार कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और हरीश साल्वे भी इस बहस में शामिल हो गए। सिंघवी ने बताया कि वे भी पूरी तरह से मांसाहारी है। बैंच जैसे ही मामले में अगली तारीख देने जा रही थी सरकार के प्रतिनिधि के रूप में एडिशनल सॉलिसीटर जनरल मनिंदर सिंह कोर्ट में आए। उनसे चीफ जस्टिस ने पूछा, ”आप शाकाहारी हैं या मांसाहारी?” सिंह ने बताया कि वे मांसाहारी हैं। इस पर चीफ जस्टिस ठाकुर ने कहा, ” क्या आप जानते हैं आप क्या खा रहे हैं? उन्हें पकाए जाने से पहले कैसे रखा जाता है?” वैसे चीफ जस्टिस ठाकुर भी नॉन वेजीटेरियन हैं।
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