Super Express Way: देश में सड़कों का जाल दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसी बीच नई सरकार के गठन से पहले ही सड़क और परिवहन मंत्रालय ने एक नया प्रोजेक्ट लेकर आई है। मंत्रालय के अनुसार साल 2047 तक भारत में सुपर एक्सप्रेस-वे बनाने का खाका बन चुका है। इस प्लान के तहत देश के पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण भाग में आने जाने के लिए एक्सेस कंट्रोल हाई स्पीड कॉरिडोर की जाल बिछाने की तैयारी है।
इस सुपर एक्सप्रेस वे पर वाहनें की अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रतिंघंटा रहने वाली है। इस सुपर एक्सप्रेस-वे पर आने जाने वाले वाहन बिना किसी रुकावट के सफर कर सकेंगे। जिस वजह से वाहन के ईंधन में भी करीब 35 से 40 फीसदी की बचत होने वाली है। इसके साथ ही इस नए सुपर एक्सप्रेस की विशेषता ये होगी कि इस पर एक्सेस कंट्रोल कॉरिडोर टोल प्लाजा मुक्त होगा इसके साथ ही इस पर टोल टैक्स जीपीएस के तहत वसूली जाएगी।
सड़क और परिवहन मंत्रालय के विजन 2047 को लेकर मास्टर प्लान बनाया गया है। इसके तहत फोर लेन, सिक्स लेन, 8 लेन और 10 लेन के एक्सेस कंट्रोल हाई स्पीड कॉरिडोर के साथ ही सुपर एक्सप्रेस-वे बनाने को लेकर खांका तैयार किया गया है। इस सुपर एक्सप्रेस-वे पर वाहन 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से चलेगी। जबकि हाई स्पीड कॉरिडोर पर वाहनों की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा, वहीं एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार 90 से 100 किमी प्रति घंटा होगी।
इस राज्यों को मिलेगा लाभ
इस सुपर एक्सप्रेस-वे की चौड़ाई करीब 90 से 100 मीटर जबकि कॉरिडोर की चौड़ाई 65-70 मीटर रहने वाली है। इस एक्सप्रेस वे का फायदा मुख्य रूप से पहाड़ी राज्यों को मिलने वाला है। जिसमें जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में रहने वाले लोगों का आवागमन बेहतर होने वाला है।
मंत्रालय की जानकारी के अनुसार देश में अभी चार हजार किलोमीटर हाई स्पीड कॉरिडोर है जबकि छह हजार किमी निर्माणाधीन है। अब इस नए सुपर एक्सप्रेस-वे के तहत बनाए जाने वाले हाई स्पीड कॉरिडोर को 20237 तक 49 हजार किमी तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इसको बनाने में करीब 19 लाख करोड़ की लागन आने का अनुमान है।
ये होंगी सुविधाएं
इस हाई स्पीड कॉरिडोर और एक्सप्रेस-वे पर 40-60 किमी की दूरी पर पेट्रोल पंप, सीएनजी पंप, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, फूड प्लाजा, होटल समेत कई सुविधाएं होंगी।

