सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय मई के महीने से पैरोल पर रिहा हैं लेकिन अब उन पर फिर से जेल जाने का खतरा मंडरा रहा है। शुक्रवार को दो सेशन में सुनवाई हुई। पहले सेशन में सुब्रत रॉय के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट को नाराज कर दिया इस पर तुरंत जेल भेजने आदेश जारी कर दिया गया। लेकिन जब दूसरे वकील ने माफी मांगी और दया की अपील की तो जेल भेजने के आदेश को एक सप्ताह के लिए टाल दिया गया। साथ ही कोर्ट को बताया गया कि पहले वाले वकील को हटा दिया गया है।
सुब्रत रॉय को जेल भेजे जाने के फैसले से हक्के-बक्के सहारा के वकीलों ने सिब्बल को तुरंत कॉल किए और उन्हें कोर्ट आने को कहा। कुछ घंटों बाद डेढ़ बजे के करीब जब चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बैंच जब उठने वाली थी तो सिब्बल आगे आए। परेशान और खांस रहे सिब्बल ने कहा कि वे बीमारी के चलते सुबह कोर्ट नहीं आ पाए इसके लिए माफी चाहते हैं। साथ ही जो जेंटलमैन सुबह कोर्ट में पेश हुए वे आगे से इस केस में नहीं आएंगे।
इस पर जस्टिस ठाकुर ने कहा, ”हम भी दुखी है कि आपको बीमारी में बिस्तर से उठकर आना पड़ा। लेकिन हम तो मामले को स्थगित ही करने जा रहे थे। हम यही कह रहे थे कि तीनों संपत्तियों को बेचने की अनुमति है। लेकिन यह आपके वकील के लिए ज्यादा हो गया।” सिब्बल ने कहा कि वे बिना शर्त माफी मांगते हैं और व्यक्तिगत गांरटी लेते हैं कि आगे से ऐसा नहीं होगा। उन्होंने कहा, ”कोर्ट का सम्मान सभी को बनाए रखना चाहिए। हम सभी कोर्ट के अधिकारी हैं। सुबह कोर्ट में मौजूद वकीलों ने मुझे इसकी सूचना दी़, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”
चीफ जस्टिस ने जवाब दिया कि जज भी सुनवाई के दौरान यदि कोई अप्रिय टिप्पणी हो जाती है तो उस पर दर्द महसूस करते हैं। उन्होंने कहा, ”हम आप लोगों से ज्यादा आदर की उम्मीद नहीं करते लेकिन संस्थान का सम्मान किया जाना चाहिए। कोई वाकपटु या विद्वान हो सकता है लेकिन आप अपनी आवाज ऊंची नहीं कर सकते या जजों पर धौंस नहीं जमा सकते। यह स्वीकार्य नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि जजों की दहलीज वैसे भी ऊंची होती है लेकिन फिर भी जब कोई उन पर हावी होने की कोशिश करता है तो वे भी अपवाद बना सकते हैं।
इस पर सिब्बल ने माहौल को हल्का करते हुए कहा, ”मैं कह सकता हूं कि माय लॉर्ड की चौखट काफी ऊंची है। मैं एक बार फिर से बिना शर्त माफी मांगता हूं।” सिब्बल के बयान पर चीफ जस्टिस हंस पड़े और पैरोल रद्द करने के फैसले पर अन्य दो जजों से बात करने को सहमत हो गए। बाद में स्पेशल बैंच ने अन्य आदेश जारी किया जिसमें सुब्रत रॉय को सरेंडर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया। लेकिन बैंच 28 सितम्बर को पैरोल को रद्द करने की याचिका में बदलाव पर सुनवाई करेगी।”
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