दिल्ली एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। दिल्ली से सटे गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में आए भूकंप की तीव्रता 3.1 थी।
भूकंप के झटके 4 बजकर 8 मिनट पर महसूस किए गए। वहीं इसका केंद्र हरियाणा का फरीदाबाद बताया जा रहा है। भूकंप के कारण कई इलाकों में लोग सड़कों पर आ गए लेकिन इससे किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है।
कब आता है भूकंप?
धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है। जब भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है। भूकंप तब आता है जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं और एक दूसरे से रगड़ खाती हैं। फ्रिक्शन के कारण धरती डोलने लगती है। कई बार धरती फट भी जाती है। वहीं कई बार हफ्तों तो कई बार कई महीनों तक ये ऊर्जा रह-रहकर बाहर निकलती है और भूकंप आते रहते हैं। इन्हें आफ्टरशॉक भी कहते हैं।
इससे पहले रविवार दोपहर पश्चिमी अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इससे करीब एक सप्ताह पहले ही अफगानिस्तान के इसी क्षेत्र में तेज भूकंप और भूकंप बाद के झटकों के कारण हजारों लोगों की मौत हो गई थी और पूरे के पूरे गांव तबाह हो गए थे। भूकंप का केंद्र प्रांतीय राजधानी हेरात से लगभग 34 किलोमीटर दूर और सतह से आठ किलोमीटर (पांच मील) गहराई में था।
इस भूकंप में जान-माल के संभावित नुकसान को लेकर अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। हेरात में सात अक्टूबर को आए भूकंप के कारण पूरे के पूरे गांव तबाह हो गए थे। यह देश के हालिया इतिहास में आए सबसे विनाशकारी भूकंप में से एक था। तालिबान अधिकारियों ने कहा था कि 7 अक्टूबर को आए भूकंप के कारण हेरात प्रांत में दो हजार से अधिक लोगों की जान चली गई। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, भूकंप का केंद्र जिंदा जान जिले में था।