महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित के लिए भेजी जा रही राहत सामग्री को लेकर बवाल मच गया है। दरअसल, मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और स्थानीय विधायक सुरेश हलवंकर के स्टिकर लगे खाद्य पैकेट बाढ़ पीड़ितों को बांटे जा रहे हैं। इस मामले ने अब राज्य में सियासी तूल पकड़ लिया है। सत्ताधारी पार्टी बीजेपी अभी कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में नाव पर सेल्फी लेने वाले विवाद से निपट ही रही थी कि अब उसे स्टिकर प्रकरण पर भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

राज्य सरकार ने 7 अगस्त को सांगली और सतारा जिले के बाढ़ प्रभावितों को 10 किलो गेहूं के साथ अन्य खाद्य-पदार्थ बांटने का फैसला लिया था। लेकिन, फूड-पैकेट पर सीएम फड़नवीस और हलवंकर की तस्वीर लगा देख लोगों के बीच इस स्थिति ने सियासी तूल का रूप ले लिया। लोगों ने इस पर सख्त नाराजगी भी जाहिर की। कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि सरकार का कर्तव्य लोगों को कठिन परिस्थिति से बाहर निकलना है और उन्हे मदद मुहैया कराने की है। लेकिन, वे लोग इस परिस्थिति में वोट के व्यापारी की तरह बर्ताव कर रहे हैं। सावंत ने कहा, “इसकी पूरी तरह भर्त्सना की जानी चाहिए। यह सरकार का संवैधानिक और नैतिक दायित्व है कि वह लोगों तक मदद पहुंचाए। लेकिन, उन्होंने स्टिकर के साथ पैकेट को भरने का काम किया है। यह साबित करता है कि वो हर काम चुनाव के लिए करते हैं।”

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वहीं, मुख्यमंत्री फड़नवीस की तरफ से कहा गया है कि यह सरकार का काम है कि वह बाढ़ प्रभावितों तक राहत और बचाव की सामग्री पहुंचाए और किसी भी दल या नेता की तस्वीर पैकटों पर नहीं होनी चाहिए। फड़नवीस ने एक प्रेस-कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “किसी को भी ऐसा नहीं करना चाहिए। यह सरकार का दायित्व है। किसी भी पार्टी या नेता के तस्वीर की कोई जरूरत नहीं है।” वहीं, इस मामले में हलवंकर ने कहा कि उन्हें भी स्टिकर के बारे में जानकारी नहीं थी। जिस राशन की दुकान से इसे लिया गया, उसी ने स्टिकर चिपकाए थे।