यूपी के एक गांव में गन्ने की कटाई कर रहे किसान से जब पत्रकार अजीत अंजुम हालचाल लेते हैं तो वह अपने पैर के जख्म को दिखाकर कहता है कि उसके पैर में फावड़ा लग गया था, लेकिन गरीबी की वजह से वह इलाज भी नहीं करा पा रहा है। अगर मोदी जी के चोट लग जाती तो बहुत बड़ा इलाज होता। किसान का कहना था कि गरीब आदमी करे भी तो आखिर क्या।
अजीत अंजुम जब किसान से बात करने पहुंचते हैं तो किसान का पहला सवाल होता है कि मोदी जी ने भेजा है या फिर आप खुद आए हो। पत्रकार जब बताते हैं कि वह किसी चैनल से नहीं हैं और केवल किसानों से बात करके उनकी तकलीफों का पता लगाने आए हैं तो किसान अपने दर्द को बयान करता है। वह किसानों की आमदनी दोगुनी करने के जुमले की व्याख्या भी करता है।
' मोदी जी ने भेजी है आप मीडिया वाले को या खुद आए हैं ? '
यूपी के एक गांव में गन्ने की कटाई कर रहे किसान का पहला सवाल यही था .
फिर उसने अपनी तकलीफ कैसे बयान की , देख लीजिए ..
उसने किसानों की आमदनी दोगुनी करने के जुमले की व्याख्या भी कर दी
लिंक https://t.co/bxVdElM6gW pic.twitter.com/HWZoaDFcYO— Ajit Anjum (@ajitanjum) March 7, 2021
किसान का कहना था कि मोदी जी अच्छा नहीं कर रहे हैं। वो हमारे प्रधानमंत्री हैं। किसान के मुताबिक, उनके पास 3-4 बीघे जमीन है। सभी का गुजारा इससे ही चलता है। किसान अपने कपड़े दिखाकर कहता है कि ये उसके नहीं है। किसान के मुताबिक न तो उसका कोई भाई फौज में है और न ही कोई रिश्तेदार। उनका कहना था कि कपड़े भी मांगकर पहनने पड़ते हैं। दरअसल, किसान ने फौजी की ड्रेस पहन रखी थी।
ऐंकर का सवाल था कि देशभक्ति के लिए जरूरी है कि महंगा डीजल और पेट्रोल खरीद लो। किसान जवाब देता है कि यह बातें सुनने में ही अच्छी लगती हैं। हकीकत यह है कि उनके पास कोई रोजगार नहीं है। उनका भरण पोषण खेती से ही होता है। सारे परिवार का पेट पालने का यही एक जरिया उनके पास है।
किसान क्रेडिट कार्ड पर उनका कहना था कि इस पैसे से वह लड़की की शादी करते हैं, क्योंकि उनके पास कोई रोजगार नहीं है। घर के और कामों के लिए भी वह क्रेडिट कार्ट पर निर्भर करते हैं। किसान का कहना था कि उनके 3 बेटी और 1 बेटा है। बेटे के पास नौकरी नहीं है। करें तो क्या करें। मोदी जी सोचते होंगे क्रेडिट कार्ड से विकास होगा, लेकिन किसान करे भी तो क्या। उसके पास इतनी आमदनी भी नहीं है जो वो परिवार को पाल सके।