केन्द्र की मोदी सरकार 6 सरकारी बैंकों की खस्ता हालत सुधारने के लिए करीब 8000 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश करने की तैयारी कर रही है। सरकार से पूंजी निवेश पाने वाले बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक का नाम भी शामिल है, जिसमें हाल ही में नीरव मोदी द्वारा किया गया अरबों रुपए का घोटाला सामने आया था। इकॉनोमिक टाइम्स की एक खबर में इसका खुलासा हुआ है। माना जा रहा है कि सरकारी मदद पाने वाले बैंक जरुरी नियामक पूंजी के मामले में कमतर पड़ रहे हैं। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, कुछ बैंक, जिन्होंने ब्याज भुगतान के साथ एडिशनल टायर-1 कैपिटल बॉन्ड्स जारी किए हैं, उन्हें आवश्यक नियामक पूंजी के अभाव में भुगतान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, सरकार ऐसे भुगतानों पर सार्वजनिक बैंकों को डिफ़ॉल्ट नहीं होने दे सकती, क्योंकि इससे सरकार की रेटिंग प्रभावित होगी।

बता दें कि हाल ही में 11 बैंकों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तत्काल सुधारात्मक कारवाई (PCA (Prompt corrective action)) के ढांचे के अन्तर्गत लाया गया है। जिसमें उन्हें 523 बिलियन का पूंजी निवेश मुहैय्या कराया गया था। अब सरकारी बैंकों को सरकार के ताजा पूंजी निवेश से भी काफी फायदा मिलेगा। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, रेटिंग कंपनी ICRA ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके तहत वित्तीय वर्ष 2018 में देश के 15 सार्वजनिक बैंकों में से सिर्फ 5 बैंकों ने टायर-1 कैपिटल पोजिशन हासिल की है। इस साल मई में वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों में निवेश की प्रक्रिया शुरु की थी। इसके लिए मंत्रालय ने सरकारी बैंकों से सरकार द्वारा सुझाए गए सुधारों को लागू करने के संबंध में अपडेट मांगा था। इस अपडेट के आधार पर ही बैंकों को पूंजी का वितरण किया जाना है।

सरकार ने इस साल जनवरी में भी देश के 20 सरकारी बैंकों में 881 बिलियन का पूंजी निवेश किया था। वित्तीय वर्ष 2018 में सरकार द्वारा विभिन्न बैंकों को 1.35 ट्रिलियन पुनर्पूंजीकरण बॉन्ड (Recapitalization Bond) जारी किए हैं। यह पुनर्पूंजीकरण की प्रक्रिया सरकार के 2.11 ट्रिलियन बैंक रिकैपिटलाइजेशन प्रोग्राम का हिस्सा है। सरकार ने बीते साल इस योजना की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य बैंकों को डूबते कर्ज की मार से बचाना और आगामी बुनियादी ढांचे के मेगा प्रोजेक्ट के लिए उधार देने लायक बनाना है।