नई दिल्ली से दरभंगा जा रही दिल्ली -दरभंगा (02570) सुपरफास्ट एक्सप्रेस की बोगियों में आग लगने के बाद रेलवे अधिकारियों ने मोर्चा संभाला है। आग काफी ज्यादा थी लेकिन अच्छी खबर यह है कि किसी तरह का बड़ा नुकसान सामने नहीं आया है। यह हादसा इटावा के सराय भूपत रेलवे स्टेशन के पास हुआ है। छठ के पर्व को देखते हुए बिहार की ओर जा रही ट्रेनें काफी भरी हुई हैं और यह ट्रेन भी हद से ज्यादा भरी हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना में कम आठ लोग घायल हो गए हैं और घायलों में से चार गंभीर रूप से घायल हैं।
रेलवे अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने जानकारी देते हुए कहा,”आज शाम करीब 5:30 बजे जब ट्रेन संख्या 02570 नई दिल्ली-दरभंगा क्लोन स्पेशल उत्तर प्रदेश के सराय भोपत रेलवे स्टेशन को पार कर रही थी, स्टेशन स्टाफ और ट्रेन गार्ड ने एस 1 से धुआं निकलते देखा। जिसके बाद ट्रेन रोक दी गई और यात्रियों को बाहर निकाला गया।
कैसे हुआ हादसा?
आग एस-1 डिब्बे में लगी थी और ट्रेन के तीन डिब्बों को अपनी चपेट में ले लिया था। घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है।
जानकारी सामने आ रही है कि जिस वक्त दिल्ली-दरभंगा ट्रेन- संख्या 02570 उत्तर प्रदेश के सराय भोपत रेलवे स्टेशन से गुजर रही थी, तो एस 1 कोच में धुआं देखकर स्टेशन मास्टर ने तुरंत ट्रेन रोक दी। एक सवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा,”मैं छपरा जा रहा था। अचानक कुछ धुआं उठा। ऐसा लगा जैसे मैं मर जाऊंगा। बहुत ज्यादा धुआं था जिसके बाद मैं खिड़की से बाहर कूद गया।”
सभी यात्रियों को सुरक्षित उतार लिया गया। कोई चोट या हताहत नहीं है। यह एक स्पेशल ट्रेन है जिसे त्योहार को देखते हुए चलाया गया है। सीपीआरओ, उत्तर मध्य रेलवे ने कहा है कि ट्रेन जल्द ही रवाना होने वाली है।
हद से ज्यादा भरी थी ट्रेन
इंडिया टूडे की खबर के मुताबिक आग की लपटों को देखकर यात्री ट्रेन से कूद पड़े। ट्रेन को तुरंत रोका गया। सूत्रों ने कहा है कि ट्रेन में क्षमता से ज्यादा यात्री सवार थे और त्योहार की वजह से लोग इतनी तादाद में यात्रा कर रहे हैं।
बढ़ रहे ट्रेन हादसे
लगातार बढ़ रहे ट्रेन हादसों को देखते हुए भारतीय रेलवे काफी चिंतित है। रेलवे के सूत्रों के मुताबिक 2022-23 में पिछले साल की तुलना में ज्यादा ट्रेन हादसे हुए हैं। 2022-23 में ट्रेन दुर्घटनाओं की संख्या 162 थी, जिसमें सिग्नल पास्ड एट डेंजर (एसपीएडी) के 35 मामले शामिल थे। ओड़ीसा के बालसौर में हुई घटना में 291 के करीब लोग मारे गए थे। इस हादसे के बाद भी ट्रेन हादसों को लेकर सरकार का ध्यान इस और गंभीरता से पहुंचा है।