सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 55 हो गई। अधिकारियों ने पुष्टि की कि शनिवार शाम तक 26 शव बरामद किए गए थे जबकि बंगाल में शुक्रवार तक नदियों से 27 शव निकाले गए थे, एक दिन बाद दो और शव बरामद किए गए। पहला आपदा राहत कर्मी कई दिनों की ट्रैकिंग के बाद शुक्रवार देर रात मंगन जिले के चुंगथांग गांव पहुंचा। SDRF कर्मियों की पहली टीम शुक्रवार रात चुंगथांग पहुंचने में कामयाब रही, वहीं दूसरी टीम शनिवार सुबह पहुंची।

एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि शहर का लगभग 80% हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है और अधिकांश घर, दुकानें और कार्यालय कई फीट मलबे के नीचे दबे हुए हैं। वहीं, दूसरी ओर रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सिक्किम में बाढ़ ने राज्य के अंदरूनी इलाकों को प्रभावित किया है, लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर ऑपरेशन स्थिर हैं।

खोज और बचाव अभियान जारी

मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि सीमा प्रबंधन के लिए जिम्मेदार संरचनाएं उच्च स्तर की तैयारी बनाए हुए हैं और सभी जरूरी सामानों का स्टॉक जमा कर रही हैं। बयान में कहा गया, “भारतीय सेना सभी एजेंसियों और नागरिक प्रशासन के साथ अपने निरंतर खोज और बचाव अभियान जारी रखे हुए है, साथ ही साथ संचार और अन्य बुनियादी ढांचे को अच्छी तरह से मेंटेन करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।”

सेना के कुछ शिविर क्षतिग्रस्त

मंत्रालय ने कहा कि खराब मौसम और लगातार बारिश के कारण नुकसान का सटीक आकलन अभी तक नहीं हो पाया है। तीस्ता नदी के किनारे स्थित सेना के कुछ शिविर क्षतिग्रस्त हो गए या बह गए। बुरदांग में एक वाहन पार्किंग क्षेत्र में बाढ़ आ गई और 23 सैनिक जो वहां अस्थायी रूप से रात भर रुके थे, बह गए।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि घटनास्थल पर 30-40 फीट तक गाद और कीचड़ जमा हो गया है। अब तक आठ सैन्यकर्मियों के शव बरामद किये जा चुके हैं। बड़े पैमाने पर खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है और भारतीय सेना, बीआरओ, एनडीआरएफ, राज्य आपदा राहत दल, अर्धसैनिक बल, पुलिस, नागरिक प्रशासन और सिक्किम और उत्तरी बंगाल की स्थानीय आबादी इसमें लगी हुई है।