सिक्किम देश का ऐसा राज्य बना गया है जो पूरी तरह विपक्ष विहीन हो गया है। यहां विपक्षी दल का सिर्फ विधायक था। उन्होंने भी अब सत्ताधारी पार्टी का दामन थाम लिया है। 2 जून को सिक्किम विधानसभा के नजीते घोषित किए गए थे। चुनाव में एसकेएम ने 32 में से 31 सीटें जीती थीं। वहीं एसडीएफ से तेनजिंग नोरबू लाम्था को जीत मिली थी। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने फेसबुक पर लिखा कि मुझे आज अपने सरकारी आवास मिंटोकगांग पर 23-सियारी विधानसभा सीट से विधायक तेनजिंग नोरबू लाम्था से मिलकर खुशी हुई। वे अब आधिकारिक तौर पर हमारे एसकेएम परिवार में शामिल हो गए हैं।
10 साल में दूसरी बार विपक्ष मुक्त हुआ सिक्किम
10 साल में दूसरी बार ऐसा मौका आया है जब सिक्किम में विपक्षी दल को कोई विधायक नहीं है। बता दें कि दो जून को आए नतीजे में एसकेएम ने 32 में से 31 सीटें जीती थीं। वर्तमान में विधानसभा में 32 में से 30 विधायक है। इनमें से सभी अब एसकेएम के सदस्य हैं। सोरेंग-चाकुंग निर्वाचन क्षेत्र से मुख्यमंत्री तमांग और नामची-सिंघीथांग सीट से उनकी पत्नी कृष्णा कुमारी राय के इस्तीफे के बाद दो सीटें खाली हैं। दो निर्वाचन क्षेत्रों से चुने गए तमांग ने रेनॉक का प्रतिनिधित्व करने का विकल्प चुना है।
कौन हैं तेनजिंग नोरबू लाम्था?
लाम्था की गिनती एसडीएफ के बड़े नेताओं में की जाती है। विधानसभा चुनावों में वरिष्ठ एसकेएम नेता और शिक्षा मंत्री कुंगा नीमा लेप्चा को उन्होंने 1,314 मतों से हराया था। 2 जून को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से ही उनके एसकेएम में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि चुनाव के बाद जब लाम्था से पूछा गया कि क्या वह एसकेएम में शामिल होंगे तो उन्होंने कहा कि वह अपना कोई भी फैसला जनता से पूछकर ही तय करेंगे।