पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा ने मीडिया से अपना दर्द साझा किया है। छात्रा ने कहा कि चिन्मयानंद के बंदूकधारी गार्ड उसे जबरन कॉलेज से उठाकर ले जाते थे और बीजेपी नेता के कमरे में धकेल देते थे। छात्रा ने आरोप लगाया है कि उसने कई बार मासिक होने या पेशाब के रास्ते में इन्फेक्शन (यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन) होने का बहाना बनाकर अपने को बचाने की कोशिश की लेकिन हर बार उसकी कोशिश बेकार गई। बतौर पीड़िता पूर्व मंत्री ने कई बार जानवरों की तरह उसका यौन शोषण किया।
‘द प्रिंट’ को दिए एक इंटरव्यू में लॉ स्टूडेन्ट पीड़िता ने बताया, “सुबह 6 बजे नग्न मालिश के लिए और दोपहर 2:30 बजे मेरे साथ जबरन सेक्स का समय निर्धारित था।” 22 वर्षीय छात्रा ने बताया कि कई मौकों पर चिन्मयानंद ने मना करने पर मारा पीटा और धमकाया। छात्रा ने कहा, “चिन्मयानंद जब भी आश्रम में होते मैं परेशान हो जाती। मेरा दिल घबराने लगता। उनके बंदूकधारी सुरक्षाकर्मी मेरे हॉस्टल आते और मुझे जबरन उठाकर वहां से ले जाकर सीधे चिन्मयानंद के कमरे में पटक देते। इसके बाद रोजाना मेरे साथ वीभत्स और डरावना कुकृत्य शुरू हो जाता।”
छात्रा ने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में पहली बार उसे बातचीत करने के लिए चिन्मयानंद ने अपने कमरे में बुलाया था। उसके गार्ड तब अकेला छोड़कर चले गए थे। तब चिन्मयानंद ने उसे अपने आगे सामने कर बैठाया और अपना फोन दिखाया था, जिसमें छात्रा की नहाती हुई वीडियो क्लिीपिंग थी। यह देखकर छात्रा घबरा गई थी। छात्रा ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेता ने धमकी दी कि उसे हॉस्टल में ही रहना होगा और जैसा कहेंगे, वैसा करना होगा, वरना वीडियो वायरल कर देंगे। बतौर छात्रा चिन्मयानंद ने घरवालों को मरवाने की भी धमकी दी थी।
बता दें कि मामले में आरोपी नेता चिन्मयानंद को उत्तर प्रदेश पुलिस की एसआईटी गिरफ्तार कर चुकी है और फिलहाल वो 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में हैं। हालांकि, पुलिस छात्रा के खिलाफ भी जांच कर रही है। छात्रा पर वसूली करने के आरोप हैं। ये आरोप बीजेपी नेता के वकील ने लगाया है। एसआईटी ने इस मामले में पिछले हफ्ते तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि इन लोगों ने चिन्मयानंद को मैसेज भेजकर पांच करोड़ रूपये मांगे थे। आरोप है कि ये तीनों युवक पीड़िता से लगातार संपर्क में थे।
इधर, एलएलएम की छात्रा से दुष्कर्म मामले में एसआइटी ने अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश की। रिपोर्ट देखने के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 22 अक्टूबर तय की है। दूसरी तरफ पीड़िता ने अपने ऊपर दर्ज मुकदमे में गिरफ्तारी पर रोक लगाने और धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए याचिका भी कोर्ट में पेश की । इस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई से इनकार करते हुए पीड़िता को निचली अदालत जाने की सलाह दी है।