लोकसभा सचिवालय में सभी अधिकारियों के लिए एक चौंका देने वाला पल मंगलवार (18 जुलाई) को देखने को मिला। संसद की कैंटीन अपने बढ़िया खाने के लिए जानी जाती है लेकिन मगंलवार को एक वरिष्ठ अधिकारी के खाने  की प्लेट में एक मकड़ी पड़ी हुई मिली। अधिकारी ने अपने खाने के लिए दाल ऑर्डर की थी लेकिन उसमें पड़ी मकड़ी को देखकर वह दंग रह गए। मामले को लेकर अधिकारी ने संसद के फूड मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन ए पी जीतेंद्र रेड्डी को शिकायत दी है। इसके अलावा संसदीय मामलों के मंत्री(राज्य) एसएस अहलूवालिया को भी उन्होंने इस मामले की शिकायत की है। रेड्डी ने तुरंत ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

बता दें संसद की कैंटीन में खाने-पीने की चीजों के दाम साल 2016 की शुरुआत में बढ़ाए गए थे। 1 जनवरी 2016 से ही संसद कैंटीन में खाने के लिए तीन गुना अधि‍क कीमत चुकानी पड़ती है। पार्लियामेंट की कैंटीन को करीब 16 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिलती थी जो 2016 में खत्म कर दी गई। इस बदलाव के चलते कैंटीन ने ‘नो प्रॉफ़िट, नो लॉस’ की नीति अपनाई। सब्सिडी खत्म करने के बाद 61 रुपये वाली थाली अब 90 रुपये में मिलती है जबकि 29 रुपये में मिलने वाली चिकन करी अब 40 रुपये में मिलती है।

कीमतों में यह बढ़ोतरी सांसदों, लोकसभा और राज्यसभा के अधिकारियों, मीडियाकर्मियों, सुरक्षा स्टाफ और साथ ही मेहमानों के लिए भी लागू होती हैं। हालांकि, रोटी और चाय जैसी कुछ चीजों की कीमतों में बदलाव नहीं किया गया था। इसके अलावा व्यंजनों की संख्या भी घटा दी गई थी। जहां पहले 125 से 130 व्यंजन रोज पकाए जाते थे अब अमूमन प्रतिदिन 25 व्यंजन पकाए जाते हैं।