प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को अरुणाचल प्रदेश को एक बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। उनकी तरफ से तीन साल बाद सेला टनल का उद्घाटन किया जा रहा है। ये टनल भारत के लिए रणनीतिक तौर पर काफी जरूरी है और चीन की नींद उड़ाने के लिए भी काफी रहने वाली है। 2019 में इस टनल की आधारशिला रखी गई थी, अब तीन साल बाद पीएम मोदी इसका उद्घाटन करेंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि सेना सुरंग 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है और इसकी वजह से अब अरुणाचल के तवांग इलाके को सीधी कनेक्टिविटी मिलने जा रही है। पहले खराब मौसम और बर्फबारी की वजह से ये इलाका लंबे समय के लिए बंद हो जाता था। लेकिन इस टनल के बनने के बाद ये सारी मुश्किलें हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगी। समझने वाली बात ये है कि परियोजना के तहत कुल दो सुरंगे हैं।
पहली सुरंग ततो 980 मीटर लंबी बताई जा रही है जो सिंगल ट्यूब रहने वाली है, वहीं दूसरी 1555 मीटर लंबी टनल है। सेला सुरंग को सबसे लंबी और ऊंचाई पर होने का तमगा भी दिया जा सकता है। जानकार मानते हैं कि इस टनल के बन जाने के बाद से रणनीतिक तौर पर भारत और ज्यादा मजबूत हो जाएगा और चीन से उसकी दूरी दस किलोमीटर तक और घट जाएगी।
बड़ी बात ये भी रहने वाली है कि अरुणाचल और तवांग के बीच में सेना के जो चार महत्वपूर्ण मुख्यालय हैं, उनके बीच की दूरी इस टनल की वजह से ही एक घंटे से ज्यादा कम हो जाएगी। वहीं बोमडिला और तवांग के बीच का जो लंबा और चुनौतीपूर्ण रास्ता रहा है, वो काफी आसान और सुलभ बन जाएगा। वैसे पीएम मोदी इस सेना टनल के अलावा असम को भी कई सौगातें देने वाले हैं।
पीएम मोदी आज शनिवार को असम को 18 हजार करोड़ रुपये की सौगात देने जा रहे हैं। एक खास बात ये रहने वाली है कि पीएम द्वारा महान अहोम जनरल लाचित बरफुकन की 125 फीट ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ वेलोर’ का उद्घाटन किया जाएगा। इसके अलावा मेलेंग मेटेली पोथार जाएंगे और वहां पर उनकी तरफ से करीब 18 हजार करोड़ रुयपे की कई परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई जाएगी। अब चुनावी मौसम को देखते हुए पूर्वोत्तर में दी जा रही इन सौगातों की अहमियत काफी ज्यादा बढ़ जाती है।