जम्मू-कश्मीर और झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान आज समाप्त हो गया। कश्मीर में जहां 71 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया तो वहीं नक्सल प्रभावित राज्य झारखंड में 65 फ़ीसद से अधिक लोगों ने वोट डाले ।
जम्मू कश्मीर में प्रथम चरण के चुनाव में हुए रिकॉर्ड मतदान को दोहराते हुए दूसरे चरण में भी 71 फीसदी मतदान हुआ है। वहीं, अलगाववादियों के चुनाव बहिष्कार के आह्वान को 18 सीटों पर मतदाताओं ने फिर से नजरअंदाज कर दिया। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि आखिरी आंकड़ा उपलब्ध होने पर मत प्रतिशत एक से दो फीसदी तक बढ़ सकता है।
अलगाववादी नेताओं को जोरदार झटका देते हुए उत्साही मतदाता कई मतदान केंद्रों पर अपनी बारी का इंतजार करते हुए लंबी-लंबी कतारों में नजर आएं। गौरतलब है कि प्रथम चरण के तहत 15 सीटों पर मतदान 25 नवंबर को हुआ था जिसमें रिकार्ड 71. 28 फीसदी वोट पड़े थे।
उप चुनाव आयुक्त विनोद जुत्शी ने दिल्ली में संवाददाताओं को बताया, ‘‘जम्मू कश्मीर में दूसरे चरण के चुनाव का जो ताजा आंकड़ा हमारे पास है उसके मुताबिक 71 फीसदी मतदान हुआ है।’’
जुत्शी ने कहा कि आज के चुनाव के तहत पांच जिलों में 18 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ। इस दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और समूची प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही। पांच जिलों में से दो घाटी में हैं जबकि तीन जम्मू में हैं।
उन्होंने बताया, ‘‘इस चरण के तहत चुनाव प्रक्रिया में खलल डालने की कोई घटना नहीं हुई। रियासी और उधमपुर जिलों में भारी मतदान हुआ।’’
उप चुनाव आयुक्त ने बताया कि आज का मतदान प्रतिशत 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान पड़े 61. 04 फीसदी वोट और 2008 के विधानसभा चुनाव के तहत दर्ज किए गए 68. 79 फीसदी मतदान से अधिक है।
झारखंड में दूसरे चरण में शांतिपूर्ण ढंग से 65 प्रतिशत से अधिक मतदान:
झारखंड में 20 विधानसभा सीटों के लिए आज दूसरे चरण में 65.46 प्रतिशत से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। मतदान शांतिपूर्ण रहा।
इस चरण में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और मधु कोड़ा समेत कुल 223 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला हुआ जहां सत्तर प्रतिशत बूथ संवेदनशील या अतिसंवेदनशील थे जिसे देखते हुए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी थी।
झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पीके जाजोरिया ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में कल नक्सली हमले को देखते हुए मतदान के दूसरे चरण में हाई एलर्ट रखने के आदेश दिये गये थे जिसके चलते कहीं भी नक्सली हिंसा की किसी घटना को अंजाम देने में सफल नहीं हो सके।
उन्होंने बताया कि अब तक मिली सूचना के अनुसार सात जिलों में 20 विधानसभा क्षेत्रों में शांतिपूर्ण ढंग से 65.46 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ और नक्सली मतदान बहिष्कार करवाने के अपने प्रयास में कहीं भी सफल नहीं हो सके। सर्वाधिक 76 प्रतिशत मत जगन्नाथपुर में हुआ।
उन्होंने बताया कि अभी सभी विधानसभा क्षेत्रों से मतदान के बारे में पूरी सूचना नहीं मिल सकी है और दूरदराज के क्षेत्रों से सूचनाएं धीरे धीरे प्राप्त हो रही हैं जिससे प्रतिशत और बढ़ने की संभावना है।
जाजोरिया ने बताया कि 2009 के विधानसभा चुनावों में हुए 58 प्रतिशत मतदान की तुलना में इस बार द्वितीय चरण में साढ़े सात प्रतिशत मतदान की वृद्धि आयोग के लिए उत्साहवर्धक है और इससे देश का लोकतंत्र और मजबूत होगा। उन्होंने बताया कि आज जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 76 प्रतिशत और मझगांव में 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के खरसांवा विधानसभा क्षेत्र में 71 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। जमशेदपुर पूर्व में 64 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया, जबकि जमशेदपुर पश्चिम में कुल 65 प्रतिशत मतदान हुआ। इन दोनों सीटों पर शाम पांच बजे तक मतदान हुआ।
पुलिस महानिरीक्षक मुरारीलाल मीणा ने बताया कि राज्य की 20 विधानसभा सीटों पर कुल 5014 मतदान केन्द्रों पर मतदान हुआ जिनमें 1424 अतिसंवेदनशील और 2048 संवेदनशील घोषित किये गये थे। जिन सात जिलों में मतदान हुआ, उनमें खूंटी, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम नक्सलग्रस्त हैं लेकिन यहां नक्सलियों के मतदान बहिष्कार के आह्वान का कोई खास प्रभाव नहीं दिखा। लोगों ने सारंडा के जगलों और खूंटी में भी जमकर अपने मताधिकार का उपयोग किया जिससे लोकतांत्रिक मूल्यों में लोगों की आस्था की पुन: पुष्टि हुई।
राज्य में कुल 81 सीटों में से 33 सीटों का मतदान कार्य संपन्न हो गया है, जबकि नौ दिसंबर को तीसरे चरण में 17 अन्य सीटों पर मतदान होगा। प्रदेश में कुल 50 सीटों का मतदान पूर्ण हो जायेगा।
जाजोरिया ने बताया कि अब तक प्राप्त सूचना के अनुसार सरायकेला में 65 प्रतिशत, नक्सल प्रभावित खूंटी जिले में 60 प्रतिशत, चक्रधरपुर में 65 और तोरपा में भी 60 प्रतिशत मतदान हुआ।
उन्होंने बताया कि मझगांव में 72, जगन्नाथपुर में 76, तमाड़ 68, मांडर 63, बहरागोड़ा 73, सरायकेला में 65, मनोहरपुर में 62, सिसई में 63, घाटशिला 67, पोटका 66, जुगसलाई में 69, सिमडेगा में 65, गढ़वा में 74 प्रतिशत, छतरपुर में 60 प्रतिशत और कोलेबिरा में 67 प्रतिशत मतदान हुआ।
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने अपने खरसांवा विधानसभा क्षेत्र में पत्नी मीरा मुंडा के साथ मतदान किया और बाद में पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि राज्य में भाजपा के मुकाबले कोई भी दल नहीं है और इन चुनावों में भाजपा और आज्सू के चुनाव पूर्व गठबंधन को पूर्ण बहुमत प्राप्त होगा।
दूसरी ओर, दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और उनकी पत्नी गीता कोड़ा ने भी जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र में अपने मताधिकार का उपयोग किया। कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा जगन्नाथपुर की अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ रही है जबकि स्वयं मधु कोड़ा माझगांव सुरक्षित सीट से चुनाव मैदान में हैं।
राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री भाजपा नेता रघुवर दास ने जमशेदपुर पूर्व में मतदान किया जहां से वह स्वयं चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा भाजपा नेता सरयू राय ने जमशेदपुर पश्चिम में अपना मत डाला जहां से वह चुनाव लड़ रहे हैं।
सभी विधानसभा क्षेत्रों में सुबह सात बजे के पहले से ही मतदाताओं की लंबी कतारें लगी थीं जिनमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल थे। इस बार दूसरे चरण के तहत आने वाले क्षेत्रों में 18 से 19 वर्ष के नये मतदाताओं की संख्या सवा दो लाख से अधिक थी जिनके चलते युवा वर्ग में मतदान के लिए खासा उत्साह देखने को मिला।