गुड़गांव में सऊदी राजनयिक के आवास में नेपाली मां-बेटी से लगातार सामूहिक बलात्कार और बंधक बनाने का मामला गरमा गया है। भारत में सऊदी अरब के राजदूत सउद मोहम्मद अलसाती ने आरोपी राजनयिक के आवास पर हरियाणा पुलिस की कार्रवाई पर विरोध जताया।
वहीं नेपाल ने इस मामले में भारत से मदद मांगी है। विदेश मंत्रालय को इस प्रकरण में पुलिस ने पूरी रपट दे दी है। मामले में विशेष जांच दल की अगुवाई कर रहे गुड़गांव पुलिस आयुक्त नवदीप सिंह विर्क ने कहा कि आरोपों की जांच वियना समझौते के तहत की जाएगी क्योंकि अधिकारी को राजनयिक छूट प्राप्त है।
बुधवार को गुड़गांव पुलिस ने विदेश मंत्रालय, सऊदी अरब दूतावास नेपाल दूतावास, और हरियाणा पुलिस के डीजी को विस्तृत रपट दी। इसमें सऊदी राजनयिक पर लगे आरोपों की जांच की जानकारी दी गई है। इस बीच पीड़ित महिलाओं ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि इस राजनयिक के घर पर उन्हें बेइंतहा यातानाए दी गईं। उनके साथ राजनयिक के अलावा उसके मेहमान भी बलात्कार करते थे। उनके साथ अप्राकृतिक यौनक्रिया भी की जाती थी और भूखा रखा जाता था। हालांकि सऊदी राजदूत ने राजनयिक पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सऊदी राजदूत ने विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव थांगलुरा दारलोंग से मुलाकात की और दूतावास में प्रथम सचिव के दर्जे के सऊदी राजनयिक के घर पर पुलिस के घुसने पर विरोध जताया। उन्होंने इसे वियना समझौते का उल्लंघन बताया। राजदूत ने राजनयिक के घर में हरियाणा पुलिस के घुसने पर विरोध जताया और कहा कि इस कार्रवाई में सभी कूटनीतिक समझौतों का उल्लंघन किया गया। संयुक्त सचिव ने उन्हें बताया कि पुलिस को यह नहीं पता था कि यह एक राजनयिक का घर है और वे केवल इन सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई कर रहे थे कि वहां दो नेपाली महिलाओं को बंधक बनाकर रखा गया है और उनके साथ ‘बदसलूकी’ की जा रही है।
सऊदी अरब के दूतावास ने एक बयान जारी कर राजनयिक के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को ‘झूठा’ करार देते हुए कहा कि दूतावास मजबूती से इस बात पर जोर देता है कि ये आरोप गलत हैं और साबित नहीं हुए हैं। उसने आगे कहा कि विदेश मंत्रालय में संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में इस बात को लाया गया है कि जांच पूरी होने से पहले मीडिया ब्रीफिंग अनुचित है। दूतावास इस मामले पर विदेश मंत्रालय से स्पष्टीकरण का और आरोपों के मामले में जांच के नतीजों का इंतजार करेगा।
सोमवार रात को गुड़गांव में सऊदी राजनयिक के घर से दो नेपाली महिलाओं को छुड़ाने में पुलिस को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी थी। वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने पुलिस पर हमला भी किया था। मुक्त होने के बाद महिलाओं ने बताया कि फ्लैट में सऊदी राजनयिक और उसके मेहमानों ने बार-बार उनके साथ बलात्कार किया। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली।
एसीपी राजेश कुमार ने कहा कि महिलाओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें पहले सऊदी अरब के जेद्दा ले जाया गया जहां उनसे घर का कामकाज कराया गया और बलात्कार किया गया। उन्होंने बताया कि कुछ समय बाद महिलाओं को गुड़गांव के फ्लैट में लाया गया जहां परिवार के कथित मेहमानों ने भी उनसे बलात्कार किया। उन्होंने कहा कि फ्लैट सऊदी दूतावास ने किराए पर लिया था। एक नई नौकरानी जब फ्लैट पर गई तो उसने इन दोनों महिलाओं की दुर्दशा को देखा और वह वहां से चली गई। उस नौकरानी ने मामले की जानकारी एक एनजीओ को दी, जिसने पुलिस को सूचित किया ।
बहरहाल, नेपाल दूतावास ने मामले में मदद की मांग करते हुए विदेश मंत्रालय से संपर्क साधा है। उसने मदद और सहयोग के लिए मंत्रालय को पत्र लिखा है। मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने कहा कि हम किसी राजनयिक की संलिप्तता के बारे में पूरी तरह से अवगत नहीं हैं। जब हमें जानकारी मिलेगी तब हम संपर्क करेंगे। यह बहुत बहुत संवेदनशील मामला है और हमें विदेश मंत्रालय और स्थानीय पुलिस से पूरी मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब और नेपाल के बीच संबंध बेहद दोस्ताना है। महिलाओंं की स्थिति पर उपाध्याय ने कहा कि वे अब ठीक हैं।
इस बीच बुधवार को पत्रकारों के बीच पीड़ित नेपाली मां ने अपने घाव दिखाते हुए कहा कि वे हमें कमरों में बंद रखते थे और हमें बोलने तक नहीं देते थे। वे हमें चाकू दिखाते थे और बात न मानने की स्थिति में हमें मारने की धमकी देते थे। हमें बताया गया था कि वह एक अच्छा आदमी है जिसके पास एक बड़ा घर है । लेकिन हमें यह नहीं पता था कि वह क्या करता है। हमें घर का कामकाज करने के लिए लाया गया था। लेकिन उसने हमारे साथ भयावह हरकतें कीं।