केंद्र सरकार ने पिछले साल वेज कोड बिल पारित करने के बाद अब इस साल एक ही झटके में चार नए श्रम कानून बनाने की तैयारी में है। सरकार का प्लान है कि इस वर्ष 2020 के अंत तक किसी भी हाल में सभी 4 श्रम कानूनों को लागू कर दिया जाए। साथ ही यह भी लक्ष्य है कि श्रम कानूनों में जो भी सुधार या बदलाव करने है वे भी इस वर्ष के अंत तक हो जाएं। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने इस बात की जानकारी दी।
एक साक्षात्कार के दौरान श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा,”केंद्र सरकार इस वर्ष के अंत तक सभी चार श्रम कानूनों को लागू करके श्रम सुधारों को पूरा करने के लिए सभी प्रयास कर रही है। वेज कोड बिल गत वर्ष पारित किया गया था और अब सदन में तीन और श्रम संबंधित बिल पारित किए है जिसके बाद चारों को एक बार में लागू किया जाएगा।’
इस वर्ष पारित किए गए औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा बिल का मसौदा नवम्बर महीने के शुरुआती दिनों में पूरा करने के आसार है जिसके बाद भारतीय कानून के अनुसार इसमें राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होंगे और यह कानून बन जायेगा। फिर सरकार जब चाहे इसे लागू कर सकती है।
इन सभी कानूनों को एक साथ लागू करने के पीछे केंद्र सरकार की बड़ी मंशा है जिसे वह पूरा करना चाहती है। यह सभी बिल के कानून बनने के बाद सरकार व्यापक श्रम सुधारों के जरिये भारत को विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में शीर्ष 10 देशों में लाना चाहती है। ऊंची रैंकिंग के बदौलत देश में निवेशकों की गिनती बढ़ जाएगी और आर्थिक प्रगति को तेज़ रफ़्तार मिल सकती है।
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के साथ ही कंसोर्टियम ऑफ इंडियन एसोसिएशन (सीआईए) के संयोजक के ई रघुनाथन ने भी इस कानून के मामलें में अपनी बात रखी और कहा- “कोविड-19 महामारी की वजह से नियोक्ता और कर्मचारी दोनों की परेशानी बढ़ी है। सरकार के आंकड़े कहते हैं कि अप्रैल से अगस्त के दौरान 2.1 करोड़ लोगों का रोजगार छिन गया है, लेकिन उन नियोक्ताओं के आंकड़े नहीं आए हैं, जिनका उपक्रम समाप्त हो गया है।
हमारे अनुमान के अनुसार 6.5 करोड़ में से करीब 30 प्रतिशत नियोक्ताओं का उपक्रम समाप्त हो गया है। इन परिस्थितियों में इन नई श्रम संहिताओं से नए उपक्रम निवेशक अनुकूल होंगे। कारोबार सु्गमता की स्थिति बेहतर हो सकेगी तथा चीन से बाहर निकलने वाली इकाइयों को यहां आकर्षित किया जा सकेगा।”

