उत्तर प्रदेश के संभल में प्राचीन मंदिर के पीछे अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। मंदिर आसपास बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण को हटाया जा रहा है। मंगलवार को सुबह से ही मजदूरों ने यहां अतिक्रमण को हटाना शुरू कर दिया। कुछ मकानों के बढ़े हुए छज्जों को तोड़ा जा रहा है तो कई घरों ने नक्शे से आगे तक दीवार बढ़ा ली थी, उन्हें भी गिराया जा रहा है। कुछ लोगों के खुद ही अपने मकानों के आगे अवैध निर्माण को गिराना शुरू कर दिया है। बता दें कि प्रशासन की टीम ने अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त करने की प्लानिंग कर ली है। मकान मालिकों से उनकी संपत्ति का ब्योरा भी मांगा है।

लोग खुद ही हटा रहे अवैध निर्माण

प्रशासन के आदेश के बाद स्थानीय लोग खुद ही अवैध निर्माण को गिराने लगे हैं। मंदिर के आसपास अवैध निर्माण किया गया है। देर रात प्रशासन की टीम ने नाप करने के बाद अवैध निर्माण को लेकर निशान लगाए थे। कुछ लोगों को पास नक्शा भी मौजूद नहीं था। इसके बाद लोगों को अवैध निर्माण की जानकारी दी गई। सुबह होते ही लोग खुद ही अतिक्रमण हटाने लगे। बता दें कि संभल में बिजली चोरी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान 1978 से बंद पड़े इस मंदिर को ढूंढा था। इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई कराई गई और यहां मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना शुरू की गई। जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया के मुताबिक यह कार्तिक महादेव का मंदिर है। मंदिर के पास एक कुआं मिला है, जो अमृत कूप है। मंदिर मिलने के बाद यहां 24 घंटे सुरक्षा के लिए टीम तैनात की गई है। सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। यहां जो अतिक्रमण है, उसे हटाया जा रहा है।

सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क का पुश्तैनी मकान

संभल में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। प्रशासन ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के पुश्तैनी मकान को लेकर भी नोटिस भेजा है। प्रशासन ने निर्माणधीन मकान को बिना नक्शे के बनाने के मामले में दूसरा नोटिस भी भेज दिया है। इससे पहले पांच दिसंबर को पहले नोटिस भेजा गया था। एसडीएम संभल वंदना ने इसे लेकर कहा कि नियमों का पालन किया जा रहा है। पहले नोटिस के बाद आज दूसरा नोटिस दिया गया है। नोटिस में उन्हें जवाब देने के लिए 8 दिन का समय दिया गया है। सपा सांसद के वकील ने एक महीने का समय जवाब देने के लिए मांगा है। सपा सांसद को जो कारण बताओ नोटिस एसडीएम संभल की तरफ से भेजा गया है उसमें कहा गया है कि आप बिना नक्शे के निर्माण कर रहे हैं।

1978 से बंद था मंदिर

बता दें कि संभल में 1978 में हिंसा के बाद से यह मंदिर बंद था। इस मंदिर को करीब 400 साल पुराना बताया जा रहा है। अब 46 साल पुराने इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराने की तैयारी चल रही है। संभल के जिला प्रशासन ने भस्म शंकर मंदिर, शिवलिंग और वहां मिले कुएं की कार्बन डेटिंग कराने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को पत्र लिखा है। सोमवार को एक कुएं की खुदाई के दौरान तीन खंडित मूर्तियां भी बरामद हुई थीं। इस जांच के जरिए प्रशासन पता करना चाहता है कि मंदिर और इसकी मूर्ति आखिर कितनी पुरानी है। आगे पढ़ें संभल मामले से जुड़ी हर अपडेट