उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी साधुओं के निशाने पर हैं। रविवार को कुछ साधुओं ने सामान की चोरी पर एक पुलिसकर्मी की पिटाई कर दी। दत्त अखाड़ा जूनी ने आरोप लगाया कि उनका सामान चोरी हुआ, साथ ही कारों को भी नुकसान पहुंचाया गया। लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। साधुओं ने एक चोर को पकड़ा था लेकिन पुलिस ने शनिवार को उसे छोड़ दिया। इससे साधु भड़क गए। उन्होंने न केवल पुलिसवालों की पिटाई की बल्कि ट्रेफिक भी रोक दिया।
इससे पहले दत्त अखाड़ा जूनी के मुखिया ने चेतावनी जारी कर कहा था,’सेप्टिक टैंक ढके हुए होने चाहिए। 2000 लीटर पानी चाहिए। शाही स्नान तक ऐसा नहीं हुआ तो हम डुबकी लगाने जाने वाले लोगों पर गंदगी फेंकेगे।’ हालांकि जब साधुओं की कानून की मदद करने की बारी आई तो वे भी पीछे हटते नजर आए। जब पुलिस एक साधु पर हमले की जांच के लिए पहुंची तो साधुओं ने जांच में मदद नहीं की। घायल नागा साधु तपस्वी गिरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत नाजुक है।
महंत नागा बाबा नरसिंह गिरी ने मध्य प्रदेश पुलिस पर आरोप लगाया,’ मुझे नहीं पता कैसे, लेकिन किसी ने पैसों व दस्तावेजों का झोला चुरा लिया। साथ ही गौरीशंकर माला भी ले गया।’ उन्होंने कहा कि नाशिक कुंभ में बेहतर सुविधाएं थीं। हालांकि स्वामी अवधेशानंदजी और विवादित धर्मगुरु स्वामी नित्यानंद को कोई दिक्कत नहीं है। कुंभ के लिए 25 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषछ के प्रमुख नरेंद्र गिरी ने भी चोरी और तोड़फोड़ की शिकायत की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर नौ मई को दूसरे शाही स्नान से पहले सुधार नहीं किया गया तो वे सिंहस्थ छोड़कर चले जाएंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि वरिष्ठ अधिकारियों ने पहले शाही स्नान पर साधुओं से पहले स्नान कर लिया। यह साधुओं का अपमान है। परिषद ने जगह-जगह बैरिकेड लगाने पर भी एतराज जताया।