केंद्रीय मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा को अपने छोटे भाई की मौत के बाद नोटबंदी की परेशानी से दो-चार होना पड़ा। दरअसल, सदानंद गौड़ा के छोटे भाई डी वी भास्कर गौड़ा कर्नाटक के मैंगलूरू में कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (केएमसी) भर्ती थे। डी वी भास्कर गौड़ा की उम्र 54 साल थी। वह वहां लंबे वक्त से चली आ रही किसी बीमारी की वजह से भर्ती हुए थे। मंगलवार (22 नवंबर) को उनकी मौत हो गई। सदानंद गौड़ा ने खुद ट्वीट करके अपने भाई डी वी भास्कर गौड़ा की मौत की खबर दी थी। इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक, गौड़ा के परिवार को 13 लाख रुपए की फाइनल पेमेंट करनी थी। परिवार की तरफ से जो पैसे दिए गए उसमें 48 हजार रुपए 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट थे। लेकिन हॉस्पिटल में उन्हें लेने से मना कर दिया। इसके बाद गौड़ा को चेक मे पेमेंट करनी पड़ी। तब जाकर हॉस्पिटल ने गौड़ा के परिवार को बॉडी ले जाने दी। सूत्रों से यह भी पता चला है कि नोटों को लेकर हॉस्पिटल स्टाफ और गौड़ा परिवार में कुछ कहासुनी भी हुई थी। अंत में हॉस्पिटल ने लिखित में दे दिया कि वह पुराने नोट नहीं ले सकता। इसपर अंत में गौड़ा को चेक से पेमेंट करनी पड़ी थी।
हालांकि, गौड़ा के मीडिया सचिव ने ऐसा कुछ होने से इंकार किया है। मीडिया सचिव मंजुनाथ ने कहा कि गौड़ा या उनके परिवार के किसी सदस्य ने पुराने नोटों से बिल देने की कोशिश की ही नहीं थी। भास्कर गौड़ा किसानी करते थे। उन्हें लगभग दो हफ्ते पहले केएमसी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। सदानंद गौड़ा मौदी सरकार में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री हैं।
गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान किया गया था। उसमें बताया गया था कि 500 और 1000 के नोट 30 दिसंबर 2016 के बाद से नहीं चला करेंगे। इसके साथ ही 2000 और 500 रुपए के नए नोटों के आने की जानकारी भी दी गई थी।
