नेताजी से जुड़ी फाइले सार्वजनिक होने के बाद उनसे जुड़ी नई-नई जानकारियां निकलकर आ रही हैं। अब पता लगा है 1993 में रूस की एक मैगजीन में एक लेख छपा था जिसमें नेताजी को ब्रिटिश एजेंट कहा गया था। इस लेख ने भारत सरकार को हिलाकर रख दिया था। यह लेख ज्यादा लोगों तक ना पहुंचे इसके लिए तब के प्रधानमंत्री नरसिंहा राव ने कूटनीतिक तरीके से सफल कोशिश की थी।
शुक्रवार (28 मई) को नेशनल आर्चीव की तरफ से जारी किए गए दस्तावेजों में एक पत्र ऐसा मिला है जिसे तब के गृह सचिव एनएन वोहरा ने लिखा था। इसमें `Whom Subhas Chandra Bose fought against during the Second World War’ के उस लेख का जिक्र था जिसे वी टूराडजेव ने एशिया अफ्रीका के लिए निकलने वाली ‘टुडे’ मैगजीन में लिखा था।
20 अप्रैल 1994 को लिखे गए उस पत्र में बताया गया कि मैगजीन में लिखा गया है कि नेताजी ने ब्रिटिश सीक्रेट सर्विस M16 का साथ दिया था। यह बात सोवियत की इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर कही गई थी जिसे अफगानिस्तान और बाकी जगहों से जानकारी मिली थी। पत्र में यह भी बताया गया कि मैगजीन में लिखा है कि सोवियत यूनियन की KGB में नेताजी की अलग फाइल बनी हुई है। इस पत्र में आगे कहा गया कि यह मामला बहुत गंभीर है इसलिए ऐसे प्रकाशन को आगे छपने से रोकने के लिए जल्द से जल्द कोई कदम उठाया जाना चाहिए।
इसके बाद पीएमओ की तरफ से रूस के अधिकारियों से इसके लिए बात की गई थी। जिससे ऐसे आर्टिकल आगे ना छपें।
एनएन वोहरा ने इस काम को जल्द से जल्द करने के पीछे कारण बताते हुए लिखा था कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो इससे देश के लोगों को लगेगा कि यह नेताजी की छवि खराब करना का प्रयास है। तब एनएन वोहरा की इस बात को RAW ने भी समर्थन दिया था।