आरएसएस से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने दूरसंचार क्षेत्र में विदेशी कंपनियों विशेष रूप से चीन की कंपनियों के प्रवेश का विरोध किया है। मंच का कहना है कि सरकार को सुरक्षा की दृष्टि से देश के दूरसंचार नेटवर्क के निर्माण का काम घरेलू कंपनियों के लिए ही आरक्षित रखा जाना चाहिए।

मंच ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं का हवाला देते हुए रविवार को कहा कि दूरसंचार नेटवर्क क्षेत्र में विदेशी कंपनियों और खासकर चीनी कंपनियों के प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने दूरसंचार क्षेत्र को महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक बुनियादी ढांचा क्षेत्र घोषित करने की मांग करते हुए विदेशियों के प्रवेश पर रोक लगाने की व्यवस्था करने को कहा है।

एसजेएम के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि 5जी के लिए पूरी तरह से स्वदेशी कंपनियों को नेटवर्क तैयार करने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने ने कहा कि वैश्विक मानकों को पूरा करने के बावजूद भारतीय कंपनियों को अपने ही बाजार में प्रतिस्पर्धा करने का मौका नहीं दिया जा रहा है।

महाजन का कहना है कि दूरसंचार को राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण रणनीति बुनियादी ढांचा घोषित किया जाना चाहिए। ऐसा करने पर इसमें विदेशी उपकरणों के आयात पर पाबंदी को विश्व व्यापार संगठन में चुनौती नहीं दी जा सकती।”

उन्होंने कहा कि इस समय भारत के दूरसंचार कंपनियों के नेटवर्क के एक बड़े हिस्से पर चीन का नियंत्रण है जबकि चीन की सैनिक रणनीति सूचना पर अधिकार को केंद्रीय महत्व दिया गया है। महाजन ने कहा कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की तर्ज पर भारत को भी ‘भारतीय सामान खरीदो अधिनियम’ और ‘दूरसंचार सुरक्षा अधिनियम” बनाने चाहिए।

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उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां पूरी तरह से देश में ही नेटवर्क विकसित करने में सक्षम हैं लेकिन उन्हें अन्य देशों की तरह अपनी सरकार से प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि चीन की कंपनियों द्वारा बनाये गए सूचना-प्रौद्योगिकी और दूरसंचार नेटवर्क पर निर्भरता से देश की राष्ट्रीय एवं आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरे के सभी आयामों को पहचानना चाहिए।