वरिष्ठ पत्रकार शोभा डे की विवादित टिप्पणी पर 2008 ओलंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा ने फिर पलटवार किया है। एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा कि खेल में ऐसा होता रहता है। उन्होंने कहा, ”खेल को काबू नहीं किया जा सकता। उतार-चढ़ाव होते रहते हैं। कोई फर्स्ट आता है, कोई चौथे नंबर पर रहता है। मैं भी चौथे पर रहा, मुझे लगता है कि दुनिया में टॉप-4 में होना भी कमाल है। बिंद्रा से शोभा डे के ट्वीट के बारे में पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा था ‘ओलंपिक में टीम इंडिया का लक्ष्य रियो जाओ, सेल्फी लो, खाली हाथ वापस आओ, पैसे और मौकों की बर्बादी।’ इस पर जवाब देते हुए भारतीय शूटर ने कहा, ”हम ऐसे देश से नहीं आते जहां खेल भावना होती है। मेरे ख्याल से नई जेनरेशन इन सब बातों पर ध्यान नहीं देगी, उनके (शोभा) भीतर खेल भावना नहीं है, मैं उनपर कोई आराेप नहीं लगाना चाहता। मुझे लगता है कि देश का युवा आगे की सोच रखता है, इस बार के ओलंपिक खेलों ने लोगों में इंटरे स्ट जगाया है। वे अपने एथलीट्स का समर्थन कर रहे हैं। यह देखकर काफी अच्छा लगता है। बस कुछ बूढ़े लोग हैं जो ऐसा कहते हैं।”
अभिनव ने कहा, ”किसी की आलोचना करना बेहद आसान है। जैसा कि मैंने कहा कि हमारा देश खेलों को लेकर उतना सक्रिय नहीं है। चीजें सुधर रहीं हैं लेकिन ओलंपिक के स्तर को देखते हुए बहुत कुछ करना है। हम ऐसे देश से आते हैं जहां सिर्फ एक ही खेल है। इसलिए जमीन पर काम करना होगा। ओलंपिक खेलों को 99 प्रतिशत भारत सरकार समर्थन देती है, और सरकार ने बीतें सालों में बहुत अच्छा काम किया है। ओलंपिक कमाल का प्लेटफॉर्म है, यह आपके देश के सम्मान को बढ़ाता है।” अभिनव ने साफ कहा कि देश में मेडल जीतने की क्षमता की कमी नहीं है। उन्होंने कहा, ”निश्चित तौर पर देश में बहुत टैलेंट है। हम मानसिक रूप से मजबूत हैं। हमें सही समय पर सही सपोर्ट की जरूरत है। बचपन से ही खिलाड़ियों पर मेहनत करनी होगी। आपका आधार कमजाेर होता है तभी आकर आप ओलंपिक जैसे खेलों में पीछे रह जाते हैं।”
शोभा डे के ट्वीट की सोशल मीडिया पर और खिलाड़ियों द्वारा जबर्दस्त आलोचना हुई थी। खुद बिंद्रा ने ट्वीट कर कहा था, ”शोभा डे, यह थोड़ा अनुचित है। आपको अपने खिलाड़ियों पर गर्व होना चाहिए जो पूरी दुनिया के खिलाफ मानवीय श्रेष्ठता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।”