महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में करारी हार का स्वाद चखने के बाद भी शायद महा विकास अघाड़ी (MVA) के नेताओं ने कोई सबक नहीं सीखा है। इस बात का पता इससे चलता है कि MVA में शामिल दल नेता प्रतिपक्ष कौन होगा, अब तक इसके लिए सहमत नहीं हो पाए हैं। निश्चित रूप से इस वजह से इस गठबंधन की फजीहत हो रही है। दूसरी ओर, तमाम अड़चनों के बाद भी महायुति की सरकार ने शपथ ले ली है और 14 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार होना है।

नई सरकार में देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री और एकनाथ शिंदे और अजित पवार उप मुख्यमंत्री चुने गए हैं। हालांकि इससे पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर काफी खींचतान हुई थी और एकनाथ शिंदे अपने गांव चले गए थे और यह माना गया था कि वह नाराज हैं।

याद दिलाना होगा कि विधानसभा चुनाव में MVA का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं। महायुति गठबंधन को 230 सीटों पर जीत मिली है।

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महायुति में शामिल बीजेपी ने अकेले दम पर ही 132 सीटें जीती जबकि उसके सहयोगी दलों – एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं। जबकि MVA को भारी झटका लगा है। MVA में शामिल शिवसेना (यूबीटी) को 20, कांग्रेस को 16 और एनसीपी (शरद पवार गुट) को केवल 10 सीटें मिलीं। चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं- पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और बालासाहेब थोराट को भी हार का सामना करना पड़ा।

MVA की ओर से विधानसभा में विपक्ष के नेता और डिप्टी स्पीकर का पद देने की मांग की गई है। हालांकि, इस बारे में फैसला लेने का हक विधानसभा अध्यक्ष के पास है।

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विधानसभा अध्यक्ष को करना है फैसला

288 सीटों में से 10 प्रतिशत या 29 सीटें पाने वाली पार्टी विपक्ष के नेता के पद पर दावा कर सकती है। MVA में शामिल किसी भी दल के पास अकेले दम पर इतनी सीटें नहीं हैं। ऐसे में पूरे गठबंधन को मिलकर इस पद पर दावा करना होगा। लेकिन MVA में भी नेता विपक्ष का पद किसे मिलेगा, यह तय करना इतना आसान नहीं है क्योंकि कांग्रेस के साथ ही शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी भी अपने नेता को इस पद पर देखना चाहती हैं। इसके बाद भी MVA को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिलेगा या नहीं, इसका फैसला विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को करना है।

नाना पटोले हैं दौड़ में आगे

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले और कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार विपक्ष के नेता पद के लिए सबसे आगे माने जा रहे हैं। विजय वडेट्टीवार पहले भी विपक्ष के नेता रह चुके हैं। दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) भी विपक्ष के नेता पद पर दावेदारी कर रही है।

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