Republic Day 2019: भारत 26 जनवरी 2019 को अपना 70वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। हर साल इसी तारीख पर देश के लोगों में उत्साह, जोश और देशभक्ति की भावना देखते ही बनती है। देशभक्ति के इसी जनुनू से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारतवासियों के लिए यह दिन कितना अतुल्य होगा। क्योंकि इस दिन स्वतंत्र भारत को अपना संविधान मिला था। सन् 1950 में इसी तारीख को भारत का संविधान लागू हुआ था। लेकिन क्या आप जानते हैं आजादी के बाद इसी तारीख को ही भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य क्यों बना? 26 जनवरी के दिन ही संविधान लागू करने के पीछे भारत के लिए एक ऐतिहासिक महत्व था। दरअसल, स्वतंत्रता सेनानियों ने तीस के दशक में ही देश को आजाद कराने की तारीख तय कर ली थी। कांग्रेस ने देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए 26 जनवरी 1930 की तरीख तय की थी। 31 दिसंबर 1931 को लाहौर में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तिरंगा फहराते हुए पूर्ण स्वराज की मांग कर दी थी। इसके बाद जब संविधान लागू करने के दिन की बात आई तो सभी ने उसी दिन को चुना जिस दिन आजादी की मुहिम शुरू हुई थी और 26 जनवरी 1950 को भारत में गणतंत्र दिवस के साथ ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ भी मनाया गया।

बता दें कि भारतीय संविधान हाथ से लिखा गया था, जो आज भी संसद के पुस्तकालय में सुरक्षित है। इसे तैयार करने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन का समय लगा था। भारत की संविधान दुनिया का सबसे बड़ा हस्त लिखित संविधान कहा जाता है। संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर थे। संसद के पहले सत्र में शुरू हुई बहस में 292 सदस्यों में से 207 सदस्यों ने हिस्सा लिया था, जो कि तीन महीने तक चली थी। संविधान सभा के सदस्यों में सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरोजनी नायडू और पंडित जवाहरलाल नेहरू भी शामिल थे। दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस की पहली परेड 1955 में हुई थी।

ये भारतीय गणतंत्र दिवक की है हालांकि इस वीडियो और चित्रों की तारीख या स्रोत की कोई अधिकारिक जानकारी नहीं है, इसे YouTube चैनल ब्रिटिश पाथे ने शेयर किया था। 6.28 मिनट के इस वीडियो क्लिप में, पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, पहले उपाध्यक्ष डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन और अन्य अधिकारी नजर आ रहे हैं।