Republic Day 2019 Speech: भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की धूम रहती है। इस दिन कई जगहों पर देशभक्ति से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कई स्कूलों में गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखने या फिर भाषण देने से संबंधित प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती है। 26 जनवरी, हर भारतीय के लिए इसलिए एक बेहद ही खास दिन है।

कारण- 26 जनवरी 1950 को ही देश का संविधान लागू किया गया था। आज भारत का हर नागरिक अपने संविधान के प्रति गौरव और सम्मान की भावना रखता है। हमने इस गणतंत्र दिवस पर एक खास भाषण तैयार किया है जिसका इस्तेमाल स्कूली बच्चे अपने स्कूल में भाषण देते वक्त कर सकते हैं। इस दिन ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ की भी जयंती होती है। 1930 में इस दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज यानी ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता की घोषणा की थी।

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17:09 (IST)26 Jan 2019
मैं रहूं या ना रहूं ये भारत रहना चाहिए...

देश से है प्यार तो हर पल ये कहना चाहिए, मैं रहूं या ना रहूं भारत ये रहना चाहिए। आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

16:37 (IST)26 Jan 2019
इतनी होनी चाहिए तिरंगे की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात

तिरंगे का आकार आयताकार होना चाहिए। इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए।

16:06 (IST)26 Jan 2019
आज देश के महान नेता और स्वतंत्रता सेनानियों को करें याद

भारत को एक आजाद देश बनाने के लिए हमारे देश के महान नेता और स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री ने अंग्रेजों के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ी। अपने देश के लिए हम इनके समर्पण को कभी नहीं भूल सकते हैं। हमें ऐसे महान अवसरों पर इन्हें याद करते हुए सलामी देनी चाहिए। केवल इन लोगों की वजह से ये मुमकिन हुआ कि हम अपने दिमाग से सोच सकते हैं और बिना किसी दबाव के अपने राष्ट्र में मुक्त होकर रह सकते हैं।

15:41 (IST)26 Jan 2019
कभी पानी में नहीं डुबोया जाता राष्ट्रीय ध्वज

झंडे को कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता, झंडे को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुचाया जाता है। झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।

15:09 (IST)26 Jan 2019
कहां से कहां तक होती है गणतंत्र दिवस की परेड

देश में राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड आयोजित होती है। यह परेड 8 किमी की होती है और इसकी शुरुआत रायसीना हिल से होती है। उसके बाद राजपथ, इंडिया गेट से होते हुए ये लाल किला पर समाप्‍त होती है। बता दें कि नेल्सन मंडेला के बाद वह दक्षिण अफ्रीका के दूसरे राष्ट्रपति होंगे जो गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे। इस बार गणतंत्र दिवस पर 90 मिनट की परेड होगी।

14:18 (IST)26 Jan 2019
कब और कहां आधा झुकाकर फहराया जा सकता झंडा

तिरंगे को कभी झुकाया नहीं जाता, न ही जमीन पर रखा जाता है। आदेश के बाद ही सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराया जा सकता है।

12:56 (IST)26 Jan 2019
झंडा फहराने के नियम और कानून भी जानें

तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए। केसरिया रंग को नीचे की तरफ करके तिरंगा फहराना गलत है। तिरंगा हमेशा सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही फहराया जा सकता है।

12:26 (IST)26 Jan 2019
24 जनवरी, 1950 को मिला था वंदे मातरम को राष्ट्रगीत का दर्जा

भारत का राष्ट्रगीत वंदे मातरम है। वंदे मातरम की रचना बंकिम चन्द्र चटर्जी ने की थी। वंदे मातरम बंगाली भाषा के उपन्यास आनंदमठ (अभय आनंद) में लिखी कविता थी। वंद मातरम को रवींद्रनाथ टैगोर ने स्वरबद्ध किया और साल 1896 में पहली बार कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में यह गीत गाया गया। 24 जनवरी, 1950 को वंदे मातरम को राष्ट्रगीत का दर्जा दिया गया।

11:59 (IST)26 Jan 2019
ऐसे दें 70वें गणतंत्र दिवस की बधाई

शत-शत अभिनंदन है, आज ये दिवस गर्व का है गणतंत्र बना था देश, आज हर क्षण पर्व का है, जन-जन ने किया आह्वान, हुआ सुख-स्वप्न फलित संपूर्ण, सम्मिलित हुई शाखाएं,  भारतवर्ष बना परिपूर्ण। गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं।

11:30 (IST)26 Jan 2019
'गणतंत्र' का अर्थ

देश में रहने वाले लोगों की सर्वोच्च शक्ति और सही दिशा में देश के नेतृत्व के लिए राजनीतिक नेता के रूप में अपने प्रतिनिधि को चुनने के लिए केवल जनता के पास अधिकार है। इसलिए भारत एक गणतंत्र देश है, जहां आम जनता अपना नेता, प्रधानमंत्री के रूप में चुनती है। भारत में 'पूर्ण स्वराज' के लिए हमारे महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत संघर्ष किया। उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी जिससे कि हमारी आने वाली पीढ़ी को कोई संघर्ष न करना पड़े और हम देश को आगे लेकर जा सकें। हमारे देश के महान नेता और स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री आदि हैं। भारत को एक आजाद देश बनाने के लिए इन लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ी। अपने देश के लिए हम इनके समर्पण को कभी नहीं भूल सकते हैं। हमें ऐसे महान अवसरों पर इन्हें याद करते हुए सलामी देनी चाहिए। केवल इन लोगों की वजह से ये मुमकिन हुआ कि हम अपने दिमाग से सोच सकते हैं और बिना किसी दबाव के अपने राष्ट्र में मुक्त होकर रह सकते हैं।

10:54 (IST)26 Jan 2019
आज होगी गणतंत्र दिवस की शानदार आतिशबाजी

26 जनवरी के दिन शाम को नई दिल्ली में आतिशबाजी होती है आसमान में चारो तरफ रंगारंग आतिशबाजी होती है। राष्ट्रपति भवन को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। 26 जनवरी के दिन देश के सभी गांव और शहरों में स्कूल कॉलेजों में रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। स्कूल के बच्चे अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। रंगारंग कार्यक्रम दर्शकों का मन मोह लेता है।

10:18 (IST)26 Jan 2019
भारत का सविंधान बनने में लगे थे इतने दिन

भारत का संविधान एक लिखित संविधान है। हमारे संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। 395 अनुच्छेदों और 8 अनुसूचियों के साथ भारतीय संविधान दुनिया में सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 26 जनवरी 1950 को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाउस के दरबार हॉल में भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।

09:51 (IST)26 Jan 2019
70वें गणतंत्र दिवस पर ऐसे दें प्रभावशाली भाषण

आज हम सभी यहां बेहद खास अवसर पर 70वां गणतंत्र दिवस मनाने इकट्ठा हुए हैं। भारत के लिए गणतंत्र दिवस केवल एक पर्व नहीं, बल्कि गौरव और सम्मान है। यह दिवस हर भारतीय का अभिमान है, अनगिनत लोगों की कुर्बानी के बाद भारत मां को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी, लेकिन उसे स्वतंत्रता का आकार 26 जनवरी 1950 को मिला, क्योंकि इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था।

09:18 (IST)26 Jan 2019
तिरंगे का इतिहास

15 अगस्‍त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाया गया और इसके बाद भारतीय गणतंत्र ने इसे अपनाया। भारत में ''तिरंगे'' का अर्थ भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज है।

08:49 (IST)26 Jan 2019
दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है भारतीय संविधान!

1947 में भारत को स्वतंत्रता मिल गई थी, लेकिन 15 अगस्त की तारीख अंग्रेजों ने तय की थी। ऐसा कहा जाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापानी सेना ने संगठित सेनाओं में खुद को मिला दिया था, उसी दिन से मेल खाने के कारण स्वतंत्रता दिवस की तारीख 15 अगस्त रखी गई थी। जब संविधान लागू हुआ तो इसके निर्माताओं के द्वारा ऐसा सोचा गया था कि इसे ऐसे दिन मनाया जाएगा जो राष्ट्रीय गौरव से जुड़ा हो और इसके लिए सबसे अच्छी पसंद 'पूर्ण स्वराज दिवस' था जो कि 26 जनवरी होता है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान कहा जाता है।

08:00 (IST)26 Jan 2019
1955 में हुई गणतंत्र दिवस पर पहली परेड

3 वर्षों में संविधान सभा के 165 दिनों में 11 सत्र हुए। 9 दिसंबर 1949 को संविधान का ड्राफ्ट संविधान सभा ने अपना लिया और करीब एक मीहने के बाद 26 जनवरी 1950 को पूर्ण स्वराज की मुहिम शुरू करने वाले दिन इसे लागू कर दिया गया। दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस की पहली परेड 1955 में हुई थी।

07:37 (IST)26 Jan 2019
यह था संविधान संभा का उद्देश्‍य

संविधान सभा के उद्देश्यों को निर्धारित करते हुए प्रथम प्रधानंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था- ''पहला काम यह है कि भारत को नए संविधान के जरिये स्वतंत्र कराना है ताकि भूख से मरते लोगों को खाना मिल सके और जिनके पास तन ढकने के लिए कपड़े नहीं हैं, उन्हें कपड़े मिल सकें। हर भारतीय को अपनी क्षमता के अनुसार खुद को विकसित करने का पूर्ण अवसर प्रदान करना है, यह निश्चित रूप से एक महान काम है।''

06:54 (IST)26 Jan 2019
हाथ से लिखा गया पूरा संविधान

भारतीय संविधान हाथ से लिखा गया था, जो आज भी संसद के पुस्तकालय में सुरक्षित है। इसे तैयार करने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन का समय लगा था। भारत की संविधान दुनिया का सबसे बड़ा हस्त लिखित संविधान कहा जाता है। संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर थे। संसद के पहले सत्र में शुरू हुई बहस में 292 सदस्यों में से 207 सदस्यों ने हिस्सा लिया था, जो कि तीन महीने तक चली थी। 

00:09 (IST)26 Jan 2019
बता सकते हैं कि आखिर 26 जनवरी को ही क्यों लागू हुआ था संविधान

26 जनवरी के दिन ही संविधान लागू करने के पीछे एक ऐतिहासिक महत्व है। स्वतंत्रता सेनानियों ने तीस के दशक में ही देश को आजाद कराने की योजना बनाई थी। तब देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए 26 जनवरी 1930 की तरीख तय की गई थी। 31 दिसंबर 1931 को लाहौर में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तिरंगा फहराते हुए पूर्ण स्वराज की मांग की। फिर जब संविधान लागू करने की बात आई तो सभी ने उसी दिन को चुना जिस दिन आजादी की मुहिम शुरू हुई थी। इस प्रकार 26 जनवरी 1950 को भारत में गणतंत्र दिवस के साथ 'पूर्ण स्वराज दिवस' भी मनाया जाने लगा।

21:47 (IST)25 Jan 2019
यहां पढ़ें, राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का प्रथम भाषण

भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को भारतीय गणराज्य के राष्ट्रपति पद की शपथ ली। उस अवसर पर उन्होंने कहा- 'हमारे गणराज्य का उद्देश्य है इसके नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता और समता प्राप्त करना तथा इस विशाल देश की सीमाओं में निवास करने वाले लोगों में भ्रातृ-भाव बढ़ाना, जो विभिन्न धर्मों को मानते हैं, अनेक भाषाएं बोलते हैं और अपने विभिन्न रीति-रिवाजों का पालन करते हैं। हम सभी देशों के साथ मित्रता करके रहना चाहते हैं। हमारे भावी कार्यक्रमों में रोग, गरीबी और अज्ञान का उन्मूलन शामिल है। हम उन सभी विस्थापित लोगों को फिर से बसाने तथा उन्हें फिर से स्थिरता देने के लिए चिंतित हैं, जिन्होंने बड़ी मुसीबतें सही हैं और हानियाँ उठाई हैं और जो अभी भी मुसीबत में हैं। जो लोग किसी प्रकार के अधिकारों से वंचित हैं, उन्हें विशेष सहायता मिलनी चाहिए।'

21:25 (IST)25 Jan 2019
संविधान लागू होने के बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने ली थी राष्ट्रपति की शपथ

हमारा संविधान देश के नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने की शक्ति देता है संविधान लागू होने के बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने वर्तमान संसद भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति की शपथ ली थी और इसके बाद पांच मील लंबे परेड समारोह के बाद इरविन स्टेडियम में उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।

20:05 (IST)25 Jan 2019
नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने की शक्ति देता हमारा संविधान

हमारा संविधान देश के नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने की शक्ति देता है संविधान लागू होने के बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने वर्तमान संसद भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति की शपथ ली थी और इसके बाद पांच मील लंबे परेड समारोह के बाद इरविन स्टेडियम में उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।

19:27 (IST)25 Jan 2019
भाषण के दौरान करें ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र

गणतंत्र दिवस के भाषण के दौरान आप पुरानी ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र करने के साथ स्वतंत्रता सेनानियों, वीर शहीदों और क्रांतिकारी नामों की चर्चा की जा सकती है। आपने देश के प्रति उनके मूल्यवान योगदान को इस खास मौके पर लोगों को याद दिलाएं और उन्हें भी उन महान लोगों से प्रेरणा लेने के लिए कहें।

18:30 (IST)25 Jan 2019
कुछ ऐसा था पहले गणतंत्र दिवस का नजारा

पहला गणतंत्र दिवस दिल्ली के इरविन एम्पीथियेटर में मनाया गया था। इस जगह को अब मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम कहते हैं। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकानो गणतंत्र दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि बुलाए गए थे। पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने जैसे ही तिरंगा फहराया था, तिरंग के फहराते ही दनादन 21 तोपों सलामी से राजधानी गूंज उठी थी। बता दें कि इस बार (2019) भारत का 70वां गणतंत्र दिवस है। 

18:06 (IST)25 Jan 2019
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने भाषण में कहीं थीं ये बातें

रेडियो पर अंग्रेजी में दिए उनके इस भाषण में खास तौर पर दुनिया के सभी देशों से चैन और अमन की अपील की गई थी। उन्होंने अपने भाषण मे कहा था युद्ध और शांति की मुहिम एक साथ चलने से पनपे असंतुलन को सुधारना होगा, पूरी दुनिया शांति चाहती है, जिसे देशों को समझना होगा। उन्होंने कहा था कि पश्चिमी देशों के उनके दौरे से यह साफ है कि दुनिया को अब शांति चाहिए।गणतंत्र दिवस पर भाषणों में आज भी हम भारत की शांतिप्रियता और विकास की पैरोकारी की ही बात करते हैं। शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा पाकिस्‍तान बना हुआ है। चीन भी भारत को परेशान करता रहा है। इसलिए आज भी शांति के महत्‍व को समझना उतना ही जरूरी है, जितना पहले गणतंत्र दिवस के वक्‍त पर था।

17:38 (IST)25 Jan 2019
पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रेडियो के जरिये दिया था अपना भाषण

26 जनवरी 1950 को जब संविधान लागू हुआ तो देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रेडियो के जरिये दुनिया को संबोधित किया था। पंडित नेहरू के भाषण में देश ही नहीं, दुनिया को, खासकर पश्चिमी देशों को एक संदेश था। पहले गणतंत्र दिवस पंडित नेहरू का वह भाषण बहुत ही दुर्लभ है।

17:04 (IST)25 Jan 2019
गणतंत्र दिवस पर होने वाले प्रोग्राम की भी कर सकते है बात

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में राष्ट्रपति की राजकीय सवारी निकाली जाती है। भारत की तीनों सेना -जल सेना, थल सेना और वायु सेना की टुकड़ी यहाँ मार्च करती है और लाल किले पहुंचती है। इस दिन सार्वजनिक समारोह में तरह तरह की झांकियां दिखाई जाती हैं जो लोगों का मनोरंजन करती हैं। 26 जनवरी के दिन शाम को नई दिल्ली में आतिशबाजी होती है आसमान में चारो तरफ रंगारंग आतिशबाजी होती है। राष्ट्रपति भवन को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। 26 जनवरी के दिन देश के सभी गांव और शहरों में स्कूल कॉलेजों में रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। स्कूल के बच्चे अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। रंगारंग कार्यक्रम दर्शकों का मन मोह लेता है।

16:18 (IST)25 Jan 2019
ऐसे करें भाषण की शुरूआत

गणतंत्र का अर्थ है देश में सभी देशवासियों के लिए समान व्यवस्था और कानून स्थापित करना। हमारे देश में सभी धर्मों को, संप्रदायों को समान अधिकार और स्थान दिया गया है। हम सभी के लिए 26 जनवरी एक गौरव पूर्ण दिन है। 15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजों से आजाद हुआ था। हमारे देश में राष्ट्रपति सर्वोच्च शासक होता है। सभी भारतवासी 26 जनवरी का दिन बहुत ही खुशी और उल्लास से मनाते हैं। देश की राजधानी दिल्ली में अनेक कार्यक्रम इस दिन मनाए जाते हैं। भारत के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य नेता देश को संबोधित करते हैं।

15:59 (IST)25 Jan 2019
भारत की संविधान सभा की सदस्य थीं ये 15 महिलाएं

भारत की संविधान सभा की सदस्य थीं ये महिलाएं। इनमें- दुर्गाबाई देशमुख, राजकुमार अमृत कौर, हंसा मेहता, बेगम एजाज रसूल, अम्मू स्वामीनाथन, सुचेता कृपलानी, दक्षानी वेलयुद्धन, रेनुका रे, पूर्णिमा बनर्जी, एनी मसकैरिनी, कमला चौधुरी, लीला रॉय, मालती चौधरी, सरोजनी नायडू और विजय लक्ष्मी पंडित। हम सब इन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महिलाओं की भारत की आजादी के आंदोलन में निभाई गई भूमिका से तो परिचित हैं, लेकिन हमें यह भी जानना चाहिए कि इन विदुषी राजनेत्रियों ने किस तरह भारत के संविधान निर्माण में अपनी जोरदार भूमिका निभाई।

14:48 (IST)25 Jan 2019
भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज की अभिकल्‍पना पिंगली वैंकैयानन्‍द ने की थी

प्रत्‍येक स्‍वतंत्र राष्‍ट्र का अपना एक ध्‍वज होता है। यह एक स्‍वतंत्र देश होने का संकेत है। भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज की अभिकल्‍पना पिंगली वैंकैयानन्‍द ने की थी और इसे इसके वर्तमान स्‍वरूप में 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था।

14:08 (IST)25 Jan 2019
गणतंत्र दिवस का इतिहास

भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ और 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान को आत्मसात किया गया, जिसके अंतर्गत भारत देश एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया। 26 जनवरी 1950 को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ झंडावंदन कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया। यह ऐतिहासिक क्षणों में गिना जाने वाला समय था। इसके बाद से हर वर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। हमारा संविधान देश के नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने की शक्ति देता है संविधान लागू होने के बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने वर्तमान संसद भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति की शपथ ली थी और इसके बाद पांच मील लंबे परेड समारोह के बाद इरविन स्टेडियम में उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।

13:48 (IST)25 Jan 2019
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा होंगे मुख्य अतिथि

गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा मुख्य अतिथि होंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि रामफोसा के साथ उनकी पत्नी डॉ। शेपो मोसेपे, नौ मंत्रियों सहित उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल, वरिष्ठ अधिकारी और 50 सदस्यों का व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल भी होगा।

13:31 (IST)25 Jan 2019
दूसरी स्पीच में ये चीजें भी आएंगी काम

2015 में इस वर्ष, हम भारत का 66वां गणतंत्र दिवस मना रहें हैं। गणतंत्र का अर्थ है देश में रहने वाले लोगों की सर्वोच्च शक्ति और सही दिशा में देश के नेतृत्व के लिये राजनीतिक नेता के रुप में अपने प्रतिनीधि चुनने के लिये केवल जनता के पास अधिकार है। इसलिये, भारत एक गणतंत्र देश है जहाँ जनता अपना नेता प्रधानमंत्री के रुप में चुनती है। भारत में “पूर्ण स्वराज” के लिये हमारे महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत संघर्ष किया। उन्होंने अपने प्राणों की आहूति दी जिससे उनके आने वाली पीढ़ी को कोई संघर्ष न करना पड़े और वो देश को आगे लेकर जाएं।

13:16 (IST)25 Jan 2019
भाषण नंबर 2

सभी को सुबह का नमस्कार। मेरा नाम...और मैं कक्षा...में पढ़ता हूं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अपने राष्ट्र के बेहद खास अवसर पर हम सभी यहाँ इकट्ठा हुये हैं जिसे गणतंत्र दिवस कहते हैं। मैं आप सबके सामने गणतंत्र दिवस पर भाषण पढ़ना चाहता हूं। सबसे पहले मैं अपने क्लास टीचर का धन्यवाद देना चाहूंगा जिनकी वजह से मुझे अपने स्कूल के इस मंच पर गणतंत्र दिवस के इस महान अवसर पर मेरे प्यारे देश के बारे में कुछ कहने का सुनहरा मौका प्राप्त हुआ।

15 अगस्त 1947 से ही भारत एक स्व-शासित देश है। 1947 में 15 अगस्त को ब्रिटिश शासन से भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई जिसे हम स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाते हैं। हालांकि, 1950 से 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 में लागू हुआ, इसलिये हम इस दिन को हर साल गणतंत्र दिवस के रुप में मनाते हैं।

13:00 (IST)25 Jan 2019
दिल्ली में निकाली जाती है भव्य परेड

गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी नई दिल्ली में विजय चौक से लाल किले तक वाया इंडिया गेट हर साल भव्य परेड निकाली जाती है। इसमें हमारी सेनाएं अपना सांकेतिक शक्ति प्रदर्शन करती हैं। सेना के टैंक भी इसी दिन दर्शाए जाते हैं।

12:42 (IST)25 Jan 2019
महान लोगों को करें याद

गणतंत्र दिवस के भाषण के दौरान आप पुरानी ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र करने के साथ स्वतंत्रता सेनानियों, वीर शहीदों और क्रांतिकारी नामों की चर्चा की जा सकती है। आपने देश के प्रति उनके मूल्यवान योगदान को इस खास मौके पर लोगों को याद दिलाएं और उन्हें भी उन महान लोगों से प्रेरणा लेने के लिए कहें।

12:18 (IST)25 Jan 2019
वाणी को विराम देने का यह सही तरीका

देश की आजादी के इतने साल बाद और संविधान के लागू होने के बावजूद आज भी हम भ्रष्टाचार, अपराध और हिंसा जैसी कई बुराइयों से लड़ रहे हैं। आज जरुरत है हम सभी को एकजुट होकर इन बुराइयों के खिलाफ लड़ने की ताकि हम अपने देश को विकास और उन्नति की तरफ ले जा सकें।

धन्यवाद...जय हिन्द

11:58 (IST)25 Jan 2019
भाषण में शामिल करें ऐतिहासिक घटनाएं व ये चीजें

15 अगस्त 1947 को हमारा देश ब्रिटिश हुकूमत की गिरफ्त से आजाद हुआ। 26 जनवरी 1950 को हम गणतंत्र दिवस के रुप में मनाते रहे हैं। इसी दिन यानी 26 जनवरी 1950 को ही भारत का संविधान लागू किया गया था तब ही से सभी भारतवासियों के लिए यह दिन बेहद अहम हो गया इस साल हम 70वां गणतंत्र दिवस मान रहे हैं। गणतंत्र का मतलब है देश में रहने वाले लोगों के पास सर्वोच्च शक्ति का होना...यहां सिर्फ जनता को हक है कि वो अपने जनप्रतिनिधियों या नेताओं को देश को सही दिशा में ले जाने के लिए चुने। इसलिए भारत एक गणतांत्रिक राज्य है जहां जनता अपने नेता को चुनती है। हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत में 'पूर्ण स्वराज' के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि देश के भविष्य यानी हम अपने जीवन को सही ढंग से जी सकें। देश के लिए हम उनके बलिदान को कभी भूल नहीं सकते हैं। यह उन्हीं की देन है जिसकी बदौलत हम आज स्वतंत्र रुप से कुछ सोच सकते हैं और स्वतंत्र रह सकते हैं।

11:33 (IST)25 Jan 2019
यूं करें भाषण की ओपनिंग

आप सभी को नमस्कार। मेरा नाम...है, मैं...क्लास का छात्र हूं। जैसा की हम सभी को पता है कि हम यहां एक खास मौके पर एकत्रित हुए हैं जिसे गणतंत्र दिवस कहा जाता है। इससे पहले कि मैं इस बेमिसाल दिन को लेकर अपने भाषण की शुरुआत करुं मैं अपने क्लास टीचर का धन्यवाद करना चाहता हूं जिनकी वजह मुझे यह मौका मिला कि मैं स्कूल में इस मंच पर आकर आप सब के सामने गणतंत्र दिवस के मौके पर अपने देश के बारे में कुछ कहूं...।