Supermoon Blue Moon 2024: रक्षाबंधन के दिन एक खगोलीय घटना घटने वाली है। 19 अगस्त को पूर्णिमा की रात सुपर ब्लू मून दिखाई देगा। यह सुपरमून 2024 का सबसे बड़ा और सबसे चमकीला चांद होगा, जो तीन दिनों तक आसमान में दिखाई देगा। इस साल के बचे हुए सुपर मून पहले तो 17 सितंबर को दिखाई देगा। इसको हार्वेस्ट मून के नाम से जाना जाता है। फिर 17 अक्टूबर को यह दिखाई देगा, इसे हंटर मून के नाम से जाना जाता है और साल का आखिरी 15 नवंबर को दिखाई देगा। इसको बीवर मून भी कहा जाता है।
रक्षा बंधन को राखी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। यह त्योहार पूर्णिमा के ही दिन मनाया जाता है। राखी का त्योहार इस बार सुपर ब्लू मून के साथ में पड़ रहा है। इसी वजह से यह हर भारतीय के लिए बेहद खास हो गया है। एक पूर्णिमा या एक मौसम में तीन पूर्णिमा को सुपर ब्लू मून कहा जाता है। सुपरमून तब होता है जब चांद पृथ्वी के सबसे करीब आता है और पूर्णिमा भी होती है, जिससे चांद सामान्य से काफी बड़ा और ज्यादा चमकदार दिखता है।
ज्यादा चमकीला नजर आएगा चांद
सुपर ब्लू मून का नाम रिचर्ड नोले नाम के ज्योतिषी ने साल 1979 में गढ़ा था। अपने नाम के बिल्कुल उलटा सुपर ब्लू मून नीला नहीं दिखाई देगा। हालांकि, कई मौकों पर आसमान में धुआं ज्यादा होने की वजह से चांद नीला भी दिखाई देता है। सामान्य पूर्णिमा के मुकाबले सुपरमून 30 फीसदी तक ज्यादा चमकीला और 14 फीसदी तक बड़ा होगा। इस सुपर ब्लू मून के दौरान रविवार को चंद्रमा के 98 फीसदी भाग पर सूरज की रोशनी होगी। यह लगातार बढ़ते-बढ़ते 99 से 100 फीसदी तक हो जाएगी। यह पृथ्वी से लगभग 225,288 मील दूर होगा।
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कैसे देखें सुपर ब्लू मून
सुपर ब्लू मून को देखने के लिए किसी खास चीज की जरूरत नहीं पड़ती है। इसको नंगी आंखों से देखा जा सकता है। लेकिन दूरबीन या टेलीस्कोप का इस्तेमाल करके चांद की सतह के और भी ज्यादा चीजें देखी जा सकती हैं। इसको अपने कैमरे या फोन में भी कैप्चर किया जा सकता है। खगोलविदों का यह भी कहना है कि सुपर मून और ब्लू मून दोनों का एक साथ आना काफी काफी दुर्लभ है। ऐसा अनुमान है कि साल 2037 में सुपर मून और ब्लू मून का संयोग देखने को मिल सकता है।