अपहरण और रेप मामले में आरोपी स्वयंभू बाबा नित्यानंद अब रिजर्व बैंक ऑफ कैलाशा शुरू करने जा रहा है। यह बैंक इक्वाडोर तट पर बसे द्वीप पर खोला जाएगा।

नए वीडियो में, नित्यानंद को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि “उनके देश” ने एक अन्य देश के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं जो उनके बैंक की मेजबानी करेगा, जिसे ‘हिंदू निवेश और रिज़र्व बैंक’ कहा जाएगा। मीडिया रिपोर्ट में इस आशय की खबर आई थी कि नित्यानंद ने साउथ अमेरिका में ‘कैलासा’ नाम का एक देश बनाया है। वीडियो में उसने कहा कि गणपति की कृपा से गणेश चतुर्थी पर, हम रिजर्व बैंक ऑफ कैलासा का पूर्ण विवरण और करेंसी का खुलासा करने जा रहे हैं।

यह सब तैयार है। उसने आगे कहा इस एक बैंक को लॉन्च करने के लिए 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी का शुभ दिन चुना है। वीडियो में उसे यह कहते हुए सुना जा सकता है कि बैक के लिए पूरी आर्थिक नीतियां, 300 पन्ने का दस्तावेज़, करेंसी पूरी तरह से तैयार है। हम जो करने जा रहे हैं उसकी आर्थिक रणनीति, आंतरिक मुद्रा का उपयोग और बाहरी विश्व मुद्रा विनिमय सभी कानूनी रूप से किया गया है।

अपनी वेबसाइट के अनुसार, नित्यानंद का कैलासा ‘दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल हिंदू राष्ट्र’ है। राष्ट्रीय पशु, पक्षी, प्रतीक, वृक्ष और फूल के साथ पहले से ही ‘ऋषभ ध्वज’नामक एक फ्लैग भी है। इसकी तीन आधिकारिक भाषाए अंग्रेजी, संस्कृत और तमिल है।

मालूम हो कि केंद्र सरकार ने दुष्कर्म के आरोपों के बाद देश छोड़कर भाग जाने वाले ‘स्वयंभू बाबा’ नित्यानंद का पासपोर्ट रद्द कर दिया। विदेश मंत्रालय ने नित्यानंद के नये पासपोर्ट की याचिका भी खारिज कर दी थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नित्यानंद ने अमेरिका की एक प्रसिद्ध कानूनी सलाहकार कंपनी की मदद से संयुक्त राष्ट्र में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में उसने अपने देश को मान्यता देने की अपील की थी। मालूम हो कि कथित रेप और अपहरण सहित कई मामलों में नित्यानंद भारत में वांछित है।