बेंगलुरू के रामेश्वरम कैफे में गुरुवार दोपहर को हुए बम धमाके ने चिंता की लकीरें खीच डाली हैं। जख्मी तो सिर्फ 9 लोग हुए हैं, लेकिन सवाल उससे कहीं ज्यादा खड़े हो गए हैं। टाइमिंग को लेकर सवाल है, नीयत को लेकर सवाल है और सबसे बड़ा सवाल आरोपी की पहचान को लेकर है। इस हमले की सीसीटीवी फुटेज मौजदू है, वो खौफनाक मंजर सभी को साफ दिख रहा है।
अब हमला हो गया, लोग घायल भी हो गए, लेकिन जांच में क्या पता चला। जानकारी के लिए बता दें कि NIA ने ये केस अपने हाथों में ले लिया है। एनआईए के आने का मतलब ही बताता है कि मामला बड़ा है और जितना सामने दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा संवेदनशील हो सकता है। इसी वजह से कर्नाटक सरकार भी सक्रिय हो गई है, खुद राज्य के गृह मंत्री ने जमीन पर जा दौरा किया है और उनकी तरफ से आरोपी को लेकर भी अहम बयान दिया गया है।
डीके शिवकुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि सीसीटीवी फुटेज में 28 से 30 साल का एक शख्स दिखा है, उसने कूपन से अपना खाना ऑर्डर किया, रवा इडली मंगवाई, लेकिन खाई नहीं। उसने एक बैग वहां टेबल पर ही छोड़ दिया और फिर धमाका हो गया। अब डीके शिवकुमार का ये बयान साफ बताता है कि ये धमाका एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है।
रामेश्वरम कैफे की ये बात समझना भी जरूरी है कि यहां पर सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर दो-तीन बजे तक ज्यादा भीड़ रहती है। जिस इलाके में ये स्थित है, वहां कई ऑफिस के दफ्तर हैं, ऐसे में ज्यादातर कर्मचारी एक बजे के करीब ही लंच करने उस कैफे में चले जाते हैं। इसी को कहते हैं टाइमिंग का खेल क्योंकि जिस समय कैफे में सबसे ज्यादा भीड़ थी, तभी इस बम धमाके को अंजाम दिया गया। 9 लोग घायल हुए, एक महिला 40 फीसदी तक जल गई, एक के कान के पर्दे में चोट आई है।
अब जांच की बात करें तो ऐसा पता चला है कि तीन आतंकी मॉड्यूल का विश्लेषण किया जा रहा है। असल में ऐसे इनपुट पहले से थे कि बेंगलुरू में कोई हमला किया जा सकता है, इसी वजह से जब रामेश्वरम कैफे में हमला हुआ, तीन आतंकी मॉड्यूल का जिक्र सबसे पहले हुआ। वो आतंकी मॉड्यूल कुछ इस प्रकार हैं- ISIS का बल्लारी मॉड्यूल, दूसरा PFI मॉड्यूल और तीसरा लश्कर-ए-तैयबा।
बताया जा रहा है किन इन तीनों ही संगठनों की नजर बेंगलुरू पर थी, वहां पर टारगेट हमला करने की पूरी तैयारी थी। फिदायीन हमले से लेकर IED ब्लास्ट तक की संभावना जताई जा चुकी थी। लेकिन कहां हमला होगा, कौन करेगा, कितने बजे करेगा, ऐसे इनपुट किसी को नहीं मिले और रामेश्वरम कैफे में जोरदार धमाका हो गया। इस समय तो जांच एजेंसी सीमा पार लश्कर कमांडर जुनैद अहमद और सलमान खान पर भी शक रही हैं।
खुद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना को अभी आतंकवाद से नहीं जोड़ा है, लेकिन उनकी तरफ से क्योंकि इस संभावना को खारिज भी नहीं किया गया है, ऐसे में परेशान सभी हैं, डर भी कई लोगों को जहन में बैठ चुका है। हैरानी की बात ये भी है कि पहले इस घटना के लिए सिलेंडर ब्लास्ट का कारण माना जा रहा था। लेकिन जांच जैसे ही NIA के पास पहुंची, बयान भी बदल गए और जांच करने का पूरा एंगल भी।