कश्मीर हिंसा पर बुधवार को संसद के ऊपरी सदन में चर्चा हुई। चर्चा में हिस्सा लेते हुए केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने राज्य सभा में कविता सुनाकर अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा, ”जो है हमारा शरीर, कश्मीर है उसका सिर, और पाकिस्तान वहां चला रहा है तीर लेकिन नहीं झुकेगा कश्मीर। कश्मीर कब तक जलता रहेगा, पाकिस्तान में आतंकवाद कब तक पलता रहेगा। मैं तीन बार पाकिस्तान गया हूं। वहां की जनता भारत के खिलाफ नहीं है। जब कश्मीर आजाद हुआ तो पाकिस्तान ने हमला किया, क्या जरूरत थी पाकिस्तान को हमला करने की। कश्मीर ने भारत के साथ रहने का फैसला किया। हम कश्मीर को पाकिस्तान के हाथ जाने नहीं देंगे। हमारे सिर को हम कटने नहीं देंगे। कश्मीर के जवानों को मैं कहना चाहता हूं कि तुम्हारे साथ अत्याचार हुआ है। रोज दलितों पर हमले होते हैं, मगर हमने दलिस्तान नहीं मांगा। धर्म, भाषा, जाति से बड़ा है देश। जो भारत को तोड़ने की कोशिश करेगा, उसका सत्यानाश होगा।”
इससे पहले, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य सभा में आकर कश्मीर हिंसा पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई से सदन को अवगत कराया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा- ”जब मैं 23 व 24 जुलाई को श्रीनगर और अनंतनाग गया था तो कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए कई प्रतिनिधिमंडलों और मुख्यमंत्री से मिला। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि कश्मीर में जो कुछ भी हो रहा है, उसके पीछे पाकिस्तान का हाथ है। मैं यह नहीं कह रहा कि कश्मीर में रह रहे लोग सामान्य जिंदगी जी रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार मूल सुविधाएं मुहैया कराने की भरसक कोशि श कर रही है। कश्मीर क्षेत्र में पत्थरबाजी के चलते 100 एम्बुलेंस क्षतिग्रस्त हो गई हैं, इसके बावजूद 400 से ज्यादा एम्बुलेंस अभी तक ऑपरेट कर रही हैं।” राजनाथ ने सुरक्षा बलों द्वारा पैलेट गन के प्रयाेग पर सदन को आश्वस्त करते हुए कहा, ”सुरक्षा बलों को कम से कम बलप्रयोग करने के निर्देश दिए हैं। मैं घातक हथियारों के प्रयोग को जायज ठहराने की कोशिश नहीं कर रहा हूं, मगर वहां ये हथियार पहले भी प्रयोग होते रहे हैं।”
सुनिए अठावले का पूरा भाषण: