Ramayan Circuit Train: रामायण सर्किट ट्रेन में खाना परोसने वाले वेटर्स की वेशभूषा पर उज्जैन के साधु-संतों ने कड़ी आपत्ति जताई है। संतों ने इस पर नाराजगी जताते हुए रेल मंत्री अश्विन वैष्णव को पत्र लिखकर इन वेटर्स की वेशभूषा तुरंत बदलने की मांग की है और कहा है कि अगर इनकी ड्रेस बदली न गई तो वे रामायण एक्सप्रेस को चलने नहीं देंगे। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में ट्रेन में वेटर्स, संतों की वेशभूषा में लोगों को खाना परोसते नजर आ रहे हैं।
उज्जैन के अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री डॉ अवधेशपुरी महाराज ने कड़ी आपत्ति जताते हुए इस बारे में रेल मंत्री अश्विन वैष्णव को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि वेटर्स की वेशभूषा को तुरंत बदला जाए। साथ ही चेतावनी भी दी गई है कि अगर इनकी ड्रेस को बदला नहीं गया तो रामायण सर्किट ट्रेन को चलने नहीं दिया जाएगा।
इस ट्रेन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वेटर संतों की तरह वेशभूषा में लोगों को खाना परोस रहे हैं और लोगों के जूठे बर्तन उठा रहे हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह से नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
ऐसे ही एक वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, ‘रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में रेस्टोरेंट में इस तरह से हिंदू संतों का अपमान न किया जाए। हिंदू संत के वेशभूषा में लोगों का जूठन उठाना बंद किया जाए। वैसे उम्मीद नहीं है कि कोई ब्राह्मण नेता मुंह खोलेगा पर यह उनके लिए भी लिटमस टेस्ट है। कुर्सी के लिए इतना तो ना गिरो।”
इसी तरह, एक अन्य यूजर ने रेल मंत्री से इन वेटर्स की ड्रेस बदलने की मांग करते हुए ट्वीट किया, “हिन्दू भावनाओं की ठगी, विक्षिप्तता और मूर्खता का इससे बड़ा उदाहरण कोई और नहीं हो सकता। अयोध्या-रामेश्वरम रामायण सर्किल एक्सप्रेस के रेस्टोरेंट में वेटर अब साधु-संत की वेशभूषा पहन यात्रियों के जूठन समेटेंगे। रेलमंत्री जी ये संतों के वेशभूषा का अपमान है। अतिशीघ्र बदलाव कीजिए।”
रामेश्वरम है इस ट्रेन का अंतिम पड़ाव
दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से चलने वाली इस रामायण सर्किट ट्रेन का पहला पड़ाव अयोध्या होता है। इसमें श्रद्धालुओं को भगवान राम से जुड़े धार्मिक स्थलों की यात्रा कराई जा रही है। इस ट्रेन का अंतिम पड़ाव रामेश्वरम है।
