हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को एक पर फिर जेल से बाहर आ गए हैं। इस बार उन्हें फरलो मिली है। वह 21 दिन जेल से बाहर रहेंगे। मंगलवार सुबह रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर निकल गए। जानकारी के मुताबिक राम रहीम का काफिला बरनावा आश्रम के निकला है। राम रहीम फरलो की अवधि बागपत में बिताएंगे। बता दें कि राम रहीम को पेरोल या फरलो देने को लेकर एक याचिका दाखिल हुई थी और कोर्ट ने सरकार को इस पर फैसला लेने के लिए कहा था।

राम रहीम को जिस मामले में हुई जेल?

राम रहीम को अगस्त 2017 में पंचकूला (Panchkula) की एक विशेष सीबीआई अदालत (CBI court) ने दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के लिए दोषी ठहराया था। सीबीआई ने 2003 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों पर मामला दर्ज किया था। कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) में पुलिस स्टेशन सदर में पहले दर्ज मामले की जांच सीबीआई ने अपने हाथ में ली थी। साल 2017 में राम रहीम को सजा सुनाई गई। रेप के मामले में 20 साल और हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा मिली थी।

पैरोल और फरलो का अंतर समझिए

सजा मिलने के बाद कोई भी कैदी कुछ दिनों के लिए जेल से बाहर आ सकता है। इसे फरलो और पैरोल का नाम दिया जाता है। हालांकि दोनों अलग मामलों में दी जाती हैं। एक तरफ पैरोल तो सजा मिलने के एक साल बाद भी मिल सकती है, लेकिन फरलो सिर्फ उन्हीं कैदियों को दी जाती है जिनकी सजा कई सालों की रहती है। वहां भी जब तीन साल की सजा पूरी कर ली जाती है, उसके बाद से कैदी को फरलो दी जा सकती है।

नियम ये भी रहता है कि पैरोल में कैदी जितने दिन भी बाहर रहता है, उतना समय उसे बाद में जेल में काटना भी पड़ता है। उदाहरण के लिए अगर 21 दिन की पैरोल मिली है तो बाद में 21 दिन की अतिरिक्त सजा भी काटनी पड़ेगी। वहीं फरलो के साथ ऐसा कोई नियम नहीं जुड़ा होता है। लेकिन फरलो जितनी बार ली जाती है, उसके दिन उतने ही कम होते जाते हैं।