पाकिस्तान में सार्क देशों के गृह मंत्रियों की बैठक को लेकर खबर है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर मुद्दे को उठाए जाने से गुस्सा हो गए थे। इसके चलते उन्होंने कांफ्रेंस भी बीच में ही छोड़ दी थी और लंच भी नहीं लिया। राजनाथ ने अपने भाषण में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को उसी की जमीं पर घेरा और कहा कि आतंकियों को शहीद के तौर पर महिमंडन नहीं किया जाना चाहिए। आतंक का समर्थन करने वाले देशों और संगठनों से भी कड़ाई से निपटा जाना चाहिए। भारत और पाकिस्तान के गृह मंत्री की इस्लामाबाद में तनावपूर्ण माहौल में मुलाकात हुई। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने जब कश्मीर का मुद्दा उठाया तो राजनाथ सिंह गुस्से में पाकिस्तान से रवाना हो गए थे। खबर है कि पाकिस्तान ने शिष्टाचार भी नहीं दिखाया जिसके चलते राजनाथ ने लंच भी नहीं किया।
पाकिस्तान मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार पाक के गृहमंत्री निसार अली खान ने जैसे ही कश्मीर मुद्दा उठाया राजनाथ सिंह अपने साथ आए डेलीगेशन के साथ कांफ्रेंस से बाहर आ गए। कश्मीर तनाव के मुद्दे को उठाए जाने से राजनाथ आवेश में आ गए। इस दौरान भारतीय प्रतिनिधि मंडल और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच भी तीखे शब्दों में बात हुई। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार राजनाथ सिंह ने रवाना होने से पहले गुडबाय हैंडशेक भी नहीं किया और वे सीधे होटल गए और वहां से भारत के लिए रवाना हो गए। भारतीय पक्ष रखने के लिए उन्होंने उच्चायुक्त को जिम्मेदारी दे दी।
राजनाथ का बयान- मीडिया को रोका गया, लंच के लिए बुला कर खुद निकल गए थे पाकिस्तानी मंत्री
वहीं भारत सरकार के अनुसार भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पहले ही बता दिया था कि संसद सत्र चल रहा है इस वजह से गृहमंत्री जल्दी रवाना होंगे। अफगानिस्तान और भूटान के बयानों के बाद राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े शब्दों में बयान दिया। इससे पाकिस्तानी गृहमंत्री तिलमिला गए और वे आधिकारिक लंच में भी नहीं आए। अपने भाषण में भी वे कश्मीर का राग अलापते रहे। भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने होटल के कमरे में ही लंच लिया। जब भारतीय दल भारत के लिए रवाना हुआ तब भी पाकिस्तान से कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। शुक्रवार को राजनाथ सिंह ने कहा कि आधिकारिक लंच में पाकिस्तान के गृह मंत्री शामिल नहीं हुए वे कार से चले गए। इसलिए मैं भी वहां नहीं गया। दूरदर्शन और एएनआई के पत्रकारों को भी अंदर जाने से रोक दिया गया।