1982 बैच के झारखंड बैच के आईएसएस अधिकारी राजीव गौबा को अगला कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया है। गौबा फिलहाल केंद्रीय गृह सचिव पद पर नियुक्त हैं। वह उत्तर प्रदेश कैडर (1977) के आईएएस अधिकारी प्रदीप कुमार सिन्हा की जगह लेंगे। नए कैबिनेट सचिव झारखंड में लेबर रिफॉर्म करके चर्चा में आए थे। इसके साथ ही खनिज समृद्ध राज्य में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में सख्ती से पेश आकर उन्होंने हिंसात्मक घटनाओं को कम करने में भी अहम भूमिका निभाई थी। 60 वर्षीय गौबा अगले दो साल तक इस पद पर कार्यरत रहेंगे।
हाल ही में मीडिया से बातचीत में कहा था ‘लेबर कानून में छेड़छाड़ पर नौकरशाह अक्सर हिचकिचाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करना एंटी-लेबर की श्रेणी में गिना जाएगा। लेबर रिफॉर्म को आम तौर पर प्रो-कैपिटल, प्रो-बिजनेस और एंटी-लेबर माना जाता है।’ उन्होंने बताया ‘हमने झारखंड में लेबर लॉ में ऐसा बदलाव किया है जिसमें 10 से कम कर्मचारियों वाली किराना दुकानों या चाय की दुकानों को वार्षिक रिटर्न भरने से छूट दी गई है। इसका फायदा यह है कि अब इन दुकानदारों को किसी तरह का रजिस्टर रखने और उसपर लेखा-जोखा रखने की जरूरत नहीं पड़ती।’
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मालूम हो कि गौबा की नियुक्ति ऐसे समय पर हो रही है जब जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाया जा चुका है। भारतीय जनता पार्टी की अगुआई वाली एनडीए सरकार के इस एतिहासिक फैसले के बाद कश्मारी घाटी में पाबंदियां लगाई गई हैं। गौबा का केंद्रीय, राज्य और इंटरनेशनल संस्थाओं के साथ नीति निर्माण और उनके कार्यान्वयन में लंबा अनुभव रहा है। 2016 में केंद्र सरकार में पदभार संभालने से पहले उन्होंने करीब 15 महीने तक झारखंड के मुख्य सचिव का पदभार संभाला था।