राजस्थान सरकार ने बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में 374.44 हेक्टेयर भूमि का दाखिल खारिज रद्द कर दिया। बताया जाता है कि इस जमीन के एक हिस्से का स्वामित्व रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के पास है। जयपुर से अनुमंडल अधिकारी (एसडीएम) रण सिंह ने रविवार को फोन पर बताया कि राजस्थान सरकार ने 18 दाखिल खारिज (स्वामित्व का स्थानांतरण) को रद्द कर दिया है जो निजी व्यक्ति के नाम पर गैर कानूनी ढंग से पाया गया।
एसडीएम ने कहा-31 दिसंबर को कोलायत की एसडीएम अदालत ने 18 गलत दाखिल खारिज मामलों में कोलायत तहसीलदार के दाखिल विभिन्न शिकायतों पर गौर किया और दाखिल खारिज को रद्द कर दिया। क्योंकि पाया गया कि भूमि पिछले कुछ वर्षों में निजी व्यक्तियों के नाम पर गलत ढंग से आबंटित कर दी गई थी।

सिंह ने कहा कि दाखिल खारिज मामले बीकानेर में स्थित कमिश्नर कालोनाइजेशन के जारी नहीं किए जाते और इन्हें निजी व्यक्तियों के पास गैर कानूनी ढंग से पाया गया। लिहाजा इन्हें रद्द कर दिया गया। यह पूछे जाने पर कि एसडीएम की रद्द की गई भूमि में से कोई कांगे्रस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के स्वामित्व वाली कंपनी से संबंध रखती है, सिंह ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा-हम इसके बारे में कुछ नहीं जानते क्योंकि कोलायत तहसीलदार के एसडीएम अदालत के समय रखे गए मामलों में किसी कंपनी या कोई नाम का उल्लेख नहीं था।

इस बीच, तहसीलदार गजेंद्र सिंह ने भी भूमि मालिकों की पहचान के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। बहरहाल, तहसीलदार सिंह ने कहा कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि कौन कथित मालिक है और उन्होंने इस भूमि को आगे किसे बेच दिया जिसके आधार पर गैरकानूनी दाखिल खारिज किया गया।

बीकानेर प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक, 374.44 हेक्टेयर भूमि 2006.07 में कुछ ग्रामीणों को गैर कानूनी ढंग से आबंटित की गई या उनके कब्जे में थी।
उन्हें सेना के महाजन फील्ड चांदमारी क्षेत्र से विस्थापित किसानों के रूप में गलत ढंग से दिखाया गया था। सूत्रों ने बताया कि वास्तव में जो विस्थापित हुए थे उन्हें 1992 से 1996 के बीच भूमि आबंटित कर दी गई थी। बीकानेर की जिलाधिकारी आरती डोगरा से कई बार प्रयास करने के बावजूद संपर्क नहीं हो सका।

दूसरी ओर रॉबर्ट वाड्रा के कथित भूमि मामले में राजस्थान सरकार की कार्रवाई को भाजपा ने जहां कानून की जीत बताया, वहीं आम आदमी पार्टी ने इसे वाड्रा के खिलाफ कार्रवाई नहीं बताते हुए सवाल किया कि उनके विरुद्ध भाजपा शासन एफआइआर क्यों नहीं दर्ज करा रहा है। राजस्थान सरकार के बीकानेर में सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से कथित रूप से जुड़ी भूमि का कब्जा वापस लिए जाने पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा- हम शुरू से ही कहते आ रहे हैं कि जो भी दोषी हो, चाहे भूमि अधिग्रहण का मामला हो या कोई और मामला, कानून अपना काम करेगा।

उन्होंने कहा कि हमसे बार-बार सवाल किए जा रहे थे कि भाजपा की सत्ता वाले राजस्थान में वाड्रा की कंपनी से जुड़ी कथित अनियमितताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है। इस मामले की जांच की रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है और राज्य सरकार ने कार्रवाई की है। मैं मानता हूं कि यह कानून की जीत है और भविष्य की कार्रवाइयों के बारे में समय ही बताएगा।

उधर, आम आदमी पार्टी ने राजस्थान सरकार के कदम को वाड्रा के खिलाफ कार्रवाई नहीं बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं की गई है। आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा- मुझे हैरानी है कि राजस्थान में भाजपा सरकार एक साल से अधिक से जांच कर रही है और वह केवल 300 एकड़ भूमि सौदे को ही रद्द कर सकी है। उन्होंने सवाल किया-क्या उस व्यक्ति के खिलाफ कोई एफआइआर दर्ज हुई जिसने यह सब किया? आप उस व्यक्ति के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई करेंगे या नहीं?

सिसोदिया ने भाजपा को आ़ड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह आपराधिक मामला है या नहीं और क्या आप भूमि सौदा रद्द करके ‘बड़े परिवार’ को केवल परेशान भर करना चाहते हैं। ऐसा कैसे हुआ कि एक आम व्यापारी बिना कुछ निवेश किए अरबपति बन गया। इन सबकी जांच होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने महज भूमि सौदा रद्द कर दिया जो अपने आप में कोई कार्रवाई नहीं है। राजस्थान सरकार ने बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में स्वामित्व के हस्तांतरण को रद्द करते हुए लगभग 360 हेक्टेयर भूमि वापस ले ली है।

बताया जाता है कि इसमें से 74.85 हेक्टेयर भूमि कथित रूप से रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी की है। प्राप्त खबरों के मुताबिक, सोलह काश्तकारों की करीब 377 हेक्टेयर जमीन के नामांतरण खारिज कर दिए गए हैं। कोलायत उप्खंड अधिकारी रण सिंह ने रविवार को बताया कि कोलायत तहसीलदार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के अनुरूप 31 अक्तूबर 2014 को किया गया आबंटन निरस्त कर दिया गया है।

यह आदेश गोयलरी, गजनेर, इन्दों का बाला और मढ़ गांव की करीब 377 हेक्टेयर भूमि का आबंटन निरस्त करने से संबद्ध है। तहसीलदार ने इस भूमि का कब्जा ले लिया है। सिंह से पूछा गया था कि क्या रद्द किए आबंटन मेंं रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट की भूमि शामिल है या नहीं, उन्होंने कहा कि यह बात उनकी जानकारी में नहीं है। उन्होंने कहा कि फर्जी नामांतरण के बाद यह भूमि किसे बेची गई, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।