दिवाली पर राजस्थान सरकार सरकारी कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का तोहफा दे सकती है। राजस्थान में 7वें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे करीब आठ लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। इस बार राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़कर आ सकती है। पूर्व मुख्य सचिव डीसी सामंत कमेटी ने राज्य कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। कर्मचारियों के वेतन में करीब 15 प्रतिशत तक का इजाफा होगा। माना जा रहा है कि दिवाली से पहले कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की घोषणा की जा सकती है।

सरकार ने छह माह पूर्व सातवें वेतन आयोग देने के लिए डी.सी.सांवत कमेटी का गठन किया था। कमेटी की ओर से कर्मचारियों को दी जाने वाले वेतनमान की सिफारिशों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की है। सरकार ने कमेटी को रिपोर्ट पेश करने के लिए समय भी निर्धारित किया था पर रिपोर्ट तैयार नहीं होने के कारण चार बार इसका कार्यकाल बढ़ाया गया था। माना जा रहा है कि सरकार दीपावली से पहले प्रदेश के आठ लाख कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का तोहफा दे सकती है।

राजस्थान सरकार में करीब 8 लाख कर्मचारी हैं। इन सभी को 7वें वेतन आयोग का लाभ देने के लिए सरकार को 10,500 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। सरकार ने 23 फरवरी को पे कमेटी गठित की थी। केंद्र में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में मूल वेतन को 2.57, 2.67 और 2.72 से गुना कर फिक्सेशन किया गया है। 7वीं पे कमेटी ने एक जनवरी 2016 को निर्धारित वेतन को आधार बनाकर ही सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपी हैं।

हांलाकि कर्मचारियों की मांग है कि सरकार सातवें वेतन आयोग को केन्द्र सरकार की ओर से तय की गई मेट्रिक्स के आधार पर ही दिया जाए। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने प्रदेश के आठ लाख कर्मचारियों को केन्द्र की तर्ज पर सातवें वेतन आयोग का लाभ देने के लिए पूर्व मुख्य सचिव डीसी सावंत की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। कमेटी ने अपनी सिफारिशों के साथ रिपोर्ट वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को सौंप दीं। राज्य सरकार ने प्रदेश के आठ लाख से ज्यादा कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग का लाभ देने के लिए छह माह पहले पूर्व मुख्य सचिव डीसी सांवत की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था।