अप्रैल की शुरुआत में ही चिलचिलाती धूप और गर्मी ने देश के अधिकत्तर लोगों की जिंदगी मुहाल कर दी है। लेकन सब्र रखिए, राहत की फुहारें आने वाली हैं। हालांकि ये राहत कुछ ही दिनों के लिए होगी। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार (2 अप्रैल) से मौसम के रुख में नरमी आएगी। मौसम विभाग के मुताबिक पाकिस्तान-अफगानिस्तान क्षेत्र में एक पश्चिमी विक्षोभ पैदा हो रहा है, इस विक्षोभ की वजह से उत्तर पश्चिम भारत में बारिश होने की संभावना है। बारिश की वजह से दिल्ली समेत, उत्तर और मध्य भारत में तापमान कम होगा। मौसम विभाग का मानना है कि अपेक्षाकृत कम तापमान 10 अप्रैल तक रहने की उम्मीद है, इसके बाद फिर गर्मी में बढ़ोतरी होगी।
इस साल मार्च के दूसरे सप्ताह में कुछ जगहों पर सामान्य से 6 से 8 डिग्री तक ज्यादा तापमान रिकॉर्ड किया गया था। पिछले गुरुवार (30 मार्च) को विदर्भ, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में अधिकतम तापमान 43 डिग्री तक चला गया था, महाराष्ट्र में ये रिकॉर्ड 44 डिग्री तक पहुंच गया था। मौसम विभाग के वैज्ञानिक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि मार्च में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में प्रचंड गर्मी असामान्य नहीं है। महाराष्ट्र में एक स्थानीय कारण की वजह से भी गर्मी अचानक बढ़ गई थी। महापात्रा के मुताबिक, ‘साल के इस वक्त सूरज की किरणें सीधे मध्य भारत पर पड़ती है, इसका सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और ओडिशा पर पड़ता है। इस दौरान हवा के रुख के वजह से भी मध्य भारत से गर्मी गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तर पश्चिम भारत की ओर बढ़ जाती है। ये एक सामान्य मौसमी घटना है। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार महाराष्ट्र में असामान्य गर्मी की एक और वजह भी है। दरअसल इस साल महाराष्ट्र में एंटी-सायक्लोनिक बहाव का क्षेत्र बन गया था, ये एक स्थानीय घटना है और हर साल नहीं होती है।
असामान्य गर्मी का ये दौर कुछ ही दिनों में पश्चिमी विक्षोभ की वजह से खत्म होने वाला है। हवा का ये पैटर्न बारिश लाने वाला है। और ये पैटर्न अफगानिस्तान और ईरान के पास पैदा होता है, और इसकी वजह से पाकिस्तान, उत्तर, उत्तर पश्चिम भारत, उत्तराखंड और गंगा के मैदानी क्षेत्रों में भी बारिश होती है।

