रेलवे के कर्मचारियों को भी अब प्राइवेट नौकरी की तरह उनके किए गए काम पर जज करते हुए साल के अंत में अप्रेजल दिया जाएगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु की तरफ से यह ऑर्डर दे दिया गया है। किसी सरकारी नौकरी में यह अपने आप में अनोखी पहल है। हालांकि, अभी यह व्यवस्था सीनियर अधिकारियों के लिए ही लागू की गई है। इसमें जनरल मैनेजर, डिविजनल रेलवे मैनेजर और डिपार्टमेंट्स के हेड शामिल हैं। नए आदेश के मुताबिक, अब इन लोगों से पूछा जाएगा कि उनके किए काम की वजह से रेलवे को कितना फायदा हुआ ?
जानकारी के मुताबिक, साल के अंत में कर्मचारियों को Key Performance Indicators (KPI) फॉर्म भरकर देना होगा। इसमें उन्हें अपने आप को 100 में से नंबर देने होंगे। ये 100 नंबर संचालन और वित्तीय प्रदर्शन, क्षमता वृद्धि, क्षमता का इस्तेमाल, संप्पति की देखरेख, लोगों को ट्रेनिंग और नए प्रयोग में बंटे होंगे।
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इन सीनियर अधिकारियों को बताना होगा कि उनके पास अपने अंडर में आए रेलवे स्टेशन को बेहतर बनाने के लिए क्या प्लान हैं। बताए गए लक्ष्य भी ऐसे होने चाहिए जिन्हें आसानी से पाया जा सके। इसकी देखरेख के लिए भी कमेटी होगी। साल में अंत में देखा जाएगा कि किसने अपने प्लान और लक्ष्य को पूरा किया। इसी आधार पर उन्हें सैलरी में बढ़ोतरी मिलेगी।