लड़ाकू विमान रफाल की डील फाइनल करने के लिए फ्रांस की तरफ से एक लैटर भेजा गया है। इसको वहां के रक्षा मंत्री जीन-येविस ली ड्रीन ने भेजा है जिसमें उन्होंने अपनी तरफ से बेस्ट डील ऑफर की है। इसपर अब भारत की तरफ से हां या ना का जवाब जाना बाकी है।
सूत्रों के मुताबिक, 36 विमानों के लिए पहले फ्रांस ने 10.5 बिलियन यूरो (79,1322351 रुपए) की मांग की थी। इस पर भारत की तरफ से दाम को 30 प्रतिशत कम करने के लिए कहा गया था। अब फ्रांस ने इन फाइटर प्लेन्स को 7.8 बिलियन यूरो में देने की बात की है।
इस लेटर के भेजे जाने से पहले फ्रांस ने भारत की तरफ से प्रस्तावित बैंक गारंटी को मानने से मना कर दिया था। लेटर के बारे में पूछे जाने पर मंत्रालय की तरफ से कुछ भी बताने से मना कर दिया गया है। सूत्रों से पता लगा है कि यह डील इसलिए फाइनल नहीं हो रही क्योंकि पहले और अब पैसे कम करके दिए जा रहे ऑफर में बहुत फर्क है।
पहले वाले ऑफर में 10 साल का प्रोडक्ट सपोर्ट था जिसे अब घाटकर 5 साल का कर दिया गया है। वहीं अब वाले ऑफर में रफाल के लिए भारत में दो एयरबेस बनाने के लिए पैसे देने से भी मना कर दिया गया है।
36 फाइटर प्लेन के इस सौदे को पीएम मोदी ने पिछले साल अप्रैल में अपने पैरिस दौरे के वक्त हरी झंडी दिखाई थी। माना जा रहा था कि इस साल 26 जनवरी को फ्रांस्वा ओलांद के चीफ गेस्ट बनने के वक्त इसे फाइनल कर दिया जाएगा, पर पैसों के चलते दोनों देश के प्रधानमंत्री के बीच बात नहीं बनी थी।