कतर में भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों को सुनाई गई सजा के मामले में विदेश मंत्रालय की तरफ से महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि इस मामले में अपील दायर कर दी गई है।
विदेश मंत्रालय ने मीडिया को बताया कि दोहा में भारतीय दूतावास को सात नवंबर को भारतीय बंदियों से एक बार फिर ‘कांसुलर एक्सेस’ का अवसर मिला। हम उन्हें पूरा कानूनी और राजनयिक मदद संबंधी सहयोग प्रदान करते रहेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम मामले में कतर के अधिकारियों के साथ संपर्क में रहेंगे।।
मंगलवार को भारतीय कैदियों से हुआ राजनयिक संपर्क
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि दोहा में भारतीय दूतावास को मंगलवार को बंदी भारतीयों से एक बार फिर राजनयिक संपर्क का अवसर प्रदान किया गया था और भारत उन्हें सभी कानूनी और राजनयिक सहायता प्रदान करता रहेगा।
कतर की ‘कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टेंस’ ने 26 अक्टूबर को भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने इस फैसले को अत्यंत स्तब्ध करने वाला बताया और कहा कि मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “जैसा कि हम पहले सूचित कर चुके हैं, कतर की कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टेंस ने अल दहरा कंपनी के आठ भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में 26 अक्टूबर को फैसला सुनाया था।” बागची ने कहा, “फैसला गोपनीय है और इसे केवल विधिक दल के साथ साझा किया गया है। अब वे आगे के कानूनी कदमों पर विचार कर रहे हैं और एक अपील दाखिल की गयी है। हम इस मामले में कतर के अधिकारियों के साथ संपर्क में रहेंगे।”