कतर में 8 भारतीयों को फांसी की सजा से जुड़े मामले पर MEA की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। MEA ने कहा है कि हम मृत्युदंड के फैसले से गहरे सदमे में हैं और डिटेल्ड जजमेंट की प्रतीक्षा कर रहे हैं। MEA ने कहा कि हम इस मामले को कतर के प्रशासन के सामने उठाएंगे। हम सभी लीगल ऑप्शनंस पर विचार कर रहे हैं।

जिन 8 भारतीयों को फांसी की सजा सुनाई गई है, उनमें इंडियन नेवी के ऐसे अधिकारी भी शामिल है जो युद्धपोतों को भी कमांड कर चुके हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ये अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज और कंसल्टेंसी सर्विसेज नाम की एक प्राइवेट कंपनी के लिए काम कर रहे थे। यह कंपनी कतर की सेना को ट्रेनिंग और संबंधित सेवाएं देती है। जिन भारतीयों को फांसी की सजा सुनाई गई है, उनकी जमानत याचिका कई बार खारिज की जा चुकी है और उनका डिटेंशन भी बढ़ाया गया है। अब कतर की कोर्ट ने इन्हें फांसी की सजा सुनाई है।

क्यों सुनाई गई सजा?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिन भारतीयों को फांसी की सजा सुनाई गई है, उन्हें अप्रैल महीने में गल्फ नेशनल सीक्रेटिव प्रोगाम की जासूसी का दोषी पाया गया था। इनके खिलाफ इसी साल मार्च महीने में लीगल एक्शन शुरू हुआ था। हालांकि न्यूज एजेंसी PTI / भाषा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय नौसेना ये 8 आठ पूर्व कर्मचारी पिछले साल अगस्त महीने से जेल में हैं। कतर के अधिकारियों की ओर से भारतीयों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया गया है। इन पूर्व सैनिकों के परिवारों को भी उनपर लगाए गए औपचारिक आरोपों की जानकारी नहीं दी गई है।

क्या हैं इन अधिकारियों के नाम?

इंडियन नेवी के जिन 8 पूर्व अधिकारियों को सजा सुनाई गई है उनके नाम कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश हैं। ये सभी डिफेंस सर्विस देने वाली एक कंपनी- अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज में काम कर रहे थे।

किसकी है ये कंपनी?

अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज कंपनी ओमान के एक नागरिक खामिस अल-अजमी की। खामिस अल-अजमी ओमान की रॉयल ओमान एयर फोर्स से रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर हैं। उन्हें भी नवंबर 2022 में भारतीयों के साथ गिरफ्तार किया गया था। इन सभी लोगों को कतर की खुफिया एजेंसी द्वारा पकड़ा गया था। भारतीय दूतावास को पिछले साल सितंबर में इस मामले में हुई गिरफ्तारियों के बारे में पता चला।