Punjab CM: पंजाब कांग्रेस की कलह और सियासी संकट के बीच एक और खुलासा हुआ है। सूत्रों के हवाले से रविवार (19 सितंबर, 2021) को यह बात कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आई कि इस्तीफे के कुछ घंटे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अंतरिम चीफ सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी थी। इस खत के जरिए उन्होंने अपने मन की बात बताते हुए कहा था कि वह बीते पांच महीने के राजनीतिक आयोजनों से बेहद आहत हैं।
दरअसल, नेतृत्व के संकट से राष्ट्रीय स्तर पर जूझ रही कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव से बड़ी माथापच्ची का सामना करना पड़ा है। पंजाब में पार्टी की अंदरूनी कलह को लेकर न केवल प्रदेश कांग्रेस कमेटी हैरान-परेशान दिखी, बल्कि खुद पार्टी अंतरिम चीफ सोनिया गांधी भी चिंतित नजर आईं। ऐसा इसलिए, क्योंकि सिद्धू के दावा ठोंकने और अंबिका सोनी द्वारा सीएम पद के ऑफर को ठुकराने के बाद भी 24 घंटे बाद भी कांग्रेस नए सीएम का नाम तय नहीं कर पाई।
फिलहाल पंजाब में अगले मुख्यमंत्री पर सस्पेंस बरकरार है। पार्टी की सीनियर नेत्री अंबिका सोनी ने सीएम बनने से मना कर दिया। उन्होंने पार्टी को सिख सीएम का सुझाव दिया। बताया गया कि कांग्रेस की सीनियर नेत्री को राहुल के साथ देर रात हुई बैठक के दौरान पंजाब का अगला सीएम मुख्यमंत्री बनाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
बता दें कि सोनी के पास सियासत का लंबा अनुभव है। होशियारपुर से ताल्लुक रखने वाली सोनी केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं। सोनिया गांधी की बेहद करीबी मानी जाती हैं। पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभाल चुकी हैं। बता दें कि पंजाब में आज नए मुख्यमंत्री का ऐलान हो सकता है, जबकि आज ही शपथ ग्रहण समारोह के होने की भी संभावना है। बता दें कि कांग्रेस की प्रदेश इकाई में अंदरूनी कलह के बीच अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
पंजाब सीएम की रेस में कौन हैं प्रमुख दावेदार?
- सुनील जाखड़ः पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रमुख
- नवजोत सिद्धूः मौजूदा पंजाब कांग्रेस चीफ
- सुखजिंदर सिंह रंधावाः कैप्टन कैबिनेट में मंत्री रहे
- अंबिका सोनीः पूर्व केंद्रीय मंत्री
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके अमरिंदर सिंह की ओर से नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोलने की पृष्ठभूमि में रविवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमरिंदर कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जिससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो।
उन्होंने यह भी कहा कि कई बार आलाकमान को विधायकों एवं आमजन से मिले फीडबैक के आधार पर निर्णय लेने पड़ते हैं और ऐसे क्षणों में लोगों को अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए। गहलोत ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब एक दिन पहले अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने खुद को अपमानित महसूस किया, जिसके बाद यह कदम उठाया।
कांग्रेस की सीनियर नेत्री अंबिका सोनी के मुताबिक, "पंजाब का सीएम सिख ही होना चाहिए। मुझे यह ऑफर मिला था, पर मैंने अदब से मना कर दिया। वैसे, आज पंजाब सीएम के नाम का ऐलान संभव है। इस मसले पर विधायकों से रायशुमारी हो रही है।" इसी बीच, पंजाब के डिप्टी सीएम की रेस में राज कुमार वेरका का नाम भी आगे चल रहा है।
कांग्रेस की पंजाब इकाई के विधायक दल की रविवार सुबह 11 बजे होने वाली बैठक स्थगित कर दी गई। पार्टी सूत्रों ने कहा कि विधायक दल के नए नेता के नाम पर अभी आम सहमति नहीं बन पाई है। पार्टी के एक नेता ने जानकारी दी कि कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक स्थगित कर दी गई। कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि विधायक दल के नए नेता के नाम पर अभी आम सहमति नहीं बन पाई है।
उल्लेखनीय है अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ ही तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में माने जा रहे हैं। पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘‘पार्टी नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा, हम उसे मानेंगे।’’ कांग्रेस महासचिव एवं पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत तथा पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन व हरीश चौधरी इस समय चंडीगढ़ में हैं।

कांग्रेस के सीनियर नेता और शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने इस मसले पर हिंदी चैनल एबीपी न्यूज को बताया, "हम जो पिछले पांच-छह महीने से सुनते थे कि चार-पांच मुख्य मुद्दों पर सरकार ने अच्छा काम किया था। किसान आंदोलन को भी उन्होंने संबल दिया था, पर आज कल एक दिक्कत हो गई है। लोग लंबे विकास को भूल जाते हैं। कुछ पार्टियां देश का सत्यानाश करने भी निकली हैं। मुझे लगता है कि विधायकों को लगा कि सीएम को जो गति दिखानी चाहिए थी वो नहीं दिखाई, इसलिए उन्हें लगा कि बदलाव जरूरी है।" दीक्षित के मुताबिक, नए सीएम को इलेक्शन मोड में आना होगा।
पंजाब में कांग्रेस के सियासी संकट में फिलहाल सस्पेंस बरकरार है। इस बीच, सूत्रों के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि सुनील जाखड़ के नाम पर आम सहमति नहीं बन पाई है। फिलहाल सीएम की रेस में अंबिका सोनी का नाम सबसे आगे चल रहा है, जबकि सीएम कौन होगा यह सोनिया ही तय करेंगी।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष पवन गोयल ने रविवार सुबह समाचार एजेंसी एएनआई को बताया- विधायकों के साथ हरीश रावत और अजय माकन की कल एक बैठक हुई थी। एक प्रस्ताव भी पास हुआ था, जिसमें कहा गया था कि सोनिया गांधी का फैसला ही इस मसले में अंतिम होगा। आज आप लोगों को पता चल जाएगा कि क्या फैसला होगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिअद (संयुक्त) के नेता परमिंदर सिंह ढींडसा ने शनिवार को कहा कि चुनावी वादे पूरे नहीं होने के आरोपों से पार्टी को बचाने के लिए कांग्रेस ने उन्हें ‘‘बलि का बकरा’’ बनाया है। ढींडसा के मुताबिक, सारा नाटक अमरिंदर सिंह पर वादे पूरे न करने का दोष मढ़ने के लिए था। विधायक ने कहा कि वादों को पूरा न करने के आरोपों से पार्टी को बचाने के लिए कांग्रेस नेताओं ने अमरिंदर सिंह को ‘‘बलि का बकरा’’ बनाया है।
ढींडसा ने आरोप लगाया कि पंजाब के लोग कांग्रेस के गलत कामों से अच्छी तरह वाकिफ हैं और उसके झांसे में नहीं आएंगे। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल पर हमला बोलते हुए कहा कि उसने अपने सिद्धांतों को छोड़ दिया और यह केवल बादल परिवार की पार्टी बनकर रह गया है। उन्होंने इसके बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन को ‘‘अवसरवादी’’ करार दिया। ढींडसा ने कहा कि शिअद (संयुक्त) राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव सभी सीटों पर लड़ेगा।
सूत्रों के मुताबिक, नये विधायक दल के नेता के तौर पर सिद्धू के अलावा कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़, पूर्व मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा के नाम चर्चा में हैं।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अगर पार्टी आलाकमान सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला करता है तो फिर उनके साथ हिंदू और दलित समुदाय से दो उप मुख्यमंत्री या फिर इनमें से एक समुदाय का नेता उप मुख्यमंत्री और दूसरे समुदाय का नेता प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
दूसरी तरफ, अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के नाम कड़ा विरोध करते हुए उन पर पाकिस्तान के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया और कहा कि उनके मुख्यमंत्री बनने से पंजाब का बेड़ा गर्क हो जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री पद से अमरिंदर सिंह का इस्तीफा विधानसभा चुनाव से पहले स्थिति से उबरने के लिए कांग्रेस आलाकमान की बेचैनी को दर्शाता है। पार्टी ने कहा कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी बंटा हुआ खेमा है। भाजपा ने दावा किया कि पंजाब के लोग, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) में भी भरोसा खो चुके हैं और अगले साल की शुरुआत में होने वाले चुनावों में भाजपा को चुनेंगे क्योंकि यही पार्टी अकेले राज्य को एक स्थिर और प्रगतिशील सरकार दे सकती है।
भाजपा महासचिव तरुण चुग ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस घबराई हुई है क्योंकि उसे चुनावों में हार दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि ‘‘पंजाब में कांग्रेस खुद को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष कर रही है।’’ सिंह के इस्तीफे को पार्टी को स्थिति से उबारने के लिए कांग्रेस आलाकमान की ‘‘बेचैनी में दिखाई गई प्रतिक्रिया’’ बताते हुए, चुग ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का सफाया हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब में कांग्रेस का माफिया राज पंजाब में उसके ताबूत की आखिरी कील साबित होगा।’’
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री पद से अमरिंदर सिंह का इस्तीफा कांग्रेस की राज्य में काम नहीं कर पाने की नाकामी की स्वीकारोक्ति है और उसके पास साढ़े चार साल से अधिक के कार्यकाल में काम दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि केवल पहरेदार बदलने से पंजाब में कांग्रेस के डूबते जहाज को नहीं बचाया जा सकेगा।
कांग्रेस के दिग्गज नेता अमरिंदर सिंह ने शनिवार को यह कहते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया कि वह खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। सिंह और हाल में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बनाए गए नवजोत सिंह सिद्धू के बीच एक महीने से सत्ता संघर्ष चल रहा था। 50 से अधिक कांग्रेस विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की थी।
बादल ने एक बयान में कहा कि सिंह का इस्तीफा इस बात की स्वीकारोक्ति है कि कांग्रेस पंजाब में प्रदर्शन करने में नाकाम रही और उसके पास साढ़े चार साल से अधिक के कार्यकाल के लिए दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है।
पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह ने शनिवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर तेज हमला किया और उन्हें ‘राष्ट्र विरोधी, खतरनाक तथा पूरी तरह विपत्ति’ करार दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि वह सिद्धू को अगले मुख्यमंत्री के रूप में या आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के चेहरे के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे। अपना त्यागपत्र सौंपने के बाद मीडिया से बातचीत में सिंह ने साफ किया कि उनकी राजनीति छोड़ने की कोई मंशा नहीं है।
उन्होंने सिद्धू को ‘राष्ट्र विरोधी, खतरनाक, अस्थिर, अक्षम’ करार देने के साथ राज्य और देश की सुरक्षा के लिए खतरा तक बता दिया। अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने के किसी भी कदम का पुरजोर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का समर्थन करने का कोई प्रश्न नहीं उठता। उन्होंने आरोप लगाया कि वह (सिद्धू) ‘साफतौर पर पाकिस्तान के साथ मिले हैं और पंजाब तथा देश के लिए खतरा और विपदा’ हैं।