शुक्रवार (10 जून 2022) को देश के कई राज्यों में जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सड़कों पर उतरा। जुमे की नमाज के बाद भारत में कश्मीर से लेकर हैदराबाद तक और दिल्ली से लेकर बंगाल तक एक साथ प्रदर्शन किया गया। कई जगहों पर उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया और पुलिस पर पत्थर भी फेंके। देश भर में हुए इस बवाल पर आजतक पर एक टीवी डिबेट के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर संगीत रागी ने कहा कि ये सब प्रायोजित है।
बहस के दौरान एंकर ने कहा कि देश में मुस्लिम खुद को सुरक्षित नहीं मान रहे हैं। मौलाना मदनी का कहना है कि मुसलमान अपनी ही गलियों में सुरक्षित नहीं है। जिसके जवाब में संगीत रागी ने कहा कि यहां ये देखना जरूरी है कि ये हिंसा स्वतः स्फूर्त है या प्रायोजित। उन्होंने कहा, “ स्वतः स्फूर्त तब होता है जब घटना के तुरंत बाद हिंसा होती, लेकिन अगर समय लेकर किया जाता है तो वह प्रायोजित है।” प्रोफेसर रागी ने कहा कि अगर घटना के 10-15 दिन बाद इस तरह के प्रदर्शन और हिंसा की जा रही है तो यकीन मानिए ये प्रायोजित है।
संगीत रागी ने आगे कहा, “ये हिंसा प्रायोजित इसलिए है क्योंकि मुसलमानों के अंदर एक तबका है, मैं सारे मुसलमानों को इसमें नहीं घसीटूंगा, लेकिन एक तबका ऐसा है जो अराजक इस्लाम की व्याख्या करता है।” उन्होंने कहा कि मुस्लिम नेताओं के द्वारा ताकत का प्रदर्शन किया जा रहा है कि हम अपनी बात मनवा सकते हैं।
नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी क्यों नहीं: एंकर ने सवाल किया कि मुस्लिम समुदाय का कहना है कि शिवलिंग के खिलाफ बोलने पर जेएनयू के प्रोफेसर को तो गिरफ्तार किया गया, लेकिन पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ बोले वालों पर बस एफ़आईआर हुई, उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? इस सवाल के जवाब में संगीत रागी ने कहा, “एमएफ़ हुसैन ने मां दुर्गा और माता सरस्वती की नग्न तस्वीरें बनायीं थी तो उनके खिलाफ लोगों ने ये नहीं कहा कि उनका सर कलाम कर देंगे।”
नूपुर शर्मा के विवादित बयान पर शुक्रवार को हुए प्रदर्शनों की आंच अगले दिन शनिवार को भी देखने को मिली। पश्चिम बंगाल के हावड़ा के पंचला बाजार में शनिवार सुबह एक बार फिर से पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भिडंत हो गई। उपद्रवियों ने पुलिस पर पत्थर चलाए जिसके बाद पुलिस ने उपद्रवियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।