President Droupadi Murmu Speech: देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 76वें गणतंत्र की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित कर रही हैं। संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि आज के दिन हम गांधीजी के सपनों को साकार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं। उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर भारत Mission Lifestyle for Environment नामक एक जन-आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज के दिन हम गांधीजी के सपनों को साकार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं। सत्य और अहिंसा के उनके आदर्श विश्व समुदाय के लिए प्रासंगिक बने रहेंगे। उन्होंने हमें यह सीख भी दी थी कि अधिकार और कर्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। सच तो यह है कि कर्तव्य ही अधिकार का वास्तविक स्रोत है।
राष्ट्रपति बोलीं- भारत सिर ऊंचा करके बढ़ा रहा कदम
राष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय प्रगति के बल पर हम अपना सिर ऊंचा करके भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। हमारे युवा, विशेषकर हमारी बेटियां देश के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेंगी। जब हम अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मना रहे होंगे, तब के भारत का उज्ज्वल भविष्य हमारे युवाओं के सपनों में आकार ले रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय प्रगति के बल पर हम अपना सिर ऊंचा करके भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं और हमारे युवा, विशेषकर हमारी बेटियां देश के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेंगी। उन्होंने कहा कि जब हम अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मना रहे होंगे, तब के भारत का उज्ज्वल भविष्य हमारे युवाओं के सपनों में आकार ले रहा है।
खिलाड़ियों ने ओलंपिक खेलों में किया अच्छा प्रदर्शन
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले वर्ष हमारे खिलाड़ियों ने ओलंपिक खेलों में अच्छा प्रदर्शन किया है। पैरालिंपिक खेलों में, हमने अपना अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा, जिसने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। FIDE शतरंज ओलंपियाड में हमारे खिलाड़ियों ने विश्व समुदाय को अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया तथा पुरुष और महिला खिलाड़ियों ने स्वर्ण पदक जीते। महामहिम ने कहा कि वर्ष 2024 में डी. गुकेश ने अब तक का सबसे कम उम्र का विश्व चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया।
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान चलाया
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले वर्ष, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, हमने अपनी मातृ-शक्ति के साथ-साथ जीवन- दायिनी प्रकृति की पोषण शक्ति के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए, ‘एक पेड़ मां के नाम’ के संदेश के साथ एक अनूठा अभियान शुरू किया था। इस अभियान का 80 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य समय-सीमा से पहले ही पूरा कर लिया गया।
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ISRO की उपलब्धियों का किया जिक्र
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल के वर्षों में अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। इस महीने, ISRO ने अपने सफल Space Docking Experiment से देश को एक बार फिर गौरवान्वित किया है। भारत अब विश्व का चौथा देश बन गया है जिसके पास यह क्षमता उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि National Quantum Mission का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के इस नए क्षेत्र में एक जीवंत और नवीन eco-system को विकसित करना है। एक अन्य उल्लेखनीय शुरूआत National Mission on Interdisciplinary Cyber Physical System से संबंद्ध है। इसके तहत Artificial Intelligence, Machine Learning, Robotics और Cyber Security जैसी अनेक उन्नत प्रौद्योगिकियों पर कार्य करने की योजना है।
महामहिम ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि गुजरात के वडनगर में भारत के प्रथम Archaeological Experiential Museum का कार्य पूरा होने वाला है। यह Museum एक archaeological site से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस स्थल पर, मनुष्यों की बस्ती होने के लगभग 800 वर्ष ईसा पूर्व के साक्ष्य मिलते हैं। इस संग्रहालय में विभिन्न युगों की, अलग-अलग प्रकार की कला, शिल्प और सांस्कृतिक सामग्री को प्रदर्शित किया जाएगा।
महाकुंभ से सांस्कृतिक विरासत के साथ गहरा हुआ जुड़ाव
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी सांस्कृतिक विरासत के साथ हमारा जुड़ाव और अधिक गहरा हुआ है। इस समय आयोजित हो रहे प्रयागराज महाकुंभ को उस समृद्ध विरासत की प्रभावी अभिव्यक्ति के रूप में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारी परंपराओं और रीति-रिवाजों को संरक्षित करने तथा उनमें नई ऊर्जा का संचार करने के लिए संस्कृति के क्षेत्र में अनेक उत्साहजनक प्रयास किए जा रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा, “वर्ष 1947 में हमने स्वाधीनता प्राप्त कर ली थी लेकिन औपनिवेशिक मानसिकता के कई अवशेष लंबे समय तक विद्यमान रहे। हाल के दौर में, उस मानसिकता को बदलने के ठोस प्रयास हमें दिखाई दे रहे हैं। ऐसे प्रयासों में Indian Penal Code, Criminal Procedure Code, 3 Indian Evidence Act के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करने का निर्णय सर्वाधिक उल्लेखनीय है।”
‘एक देश एक चुनाव’ पर भी कही बात
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के बड़े पैमाने पर सुधारों के लिए दूरदर्शिता की आवश्यकता होती है। एक और उपाय जो सुशासन की शर्तों को फिर से परिभाषित करने का वादा करता है, वह है देश में चुनाव कार्यक्रमों को एक साथ लाने के लिए संसद में पेश किया गया विधेयक। उन्होंने कहा कि ‘एक देश एक चुनाव’ की योजना शासन में स्थिरता को बढ़ावा दे सकती है, नीतिगत पक्षाघात को रोक सकती है, संसाधनों के विचलन को कम कर सकती है और वित्तीय बोझ को कम कर सकती है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान के विभिन्न विकल्पों के साथ-साथ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की प्रणाली ने समावेशन को बढ़ावा दिया है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को formal system में शामिल किया जा सका है और इसके कारण system में अभूतपूर्व पारदर्शिता भी आई है।
राष्ट्रपति ने कहा, “मैं एक बार फिर आप सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई देती हूं। देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले हमारे सैनिकों के साथ-साथ सीमाओं के भीतर देश को सुरक्षित रखने वाले पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी मैं बधाई देती हूं।” उन्होंने कहा कि न्यायपालिका, सिविल सेवाओं तथा विदेशों में हमारे मिशनों के सदस्यों को भी मेरी ओर से बधाई!
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