Lauren Powell Jobs: प्रयागराज के महाकुंभ मेले में हिंदू धर्म और अध्यात्म की ओर अपने झुकाव के चलते सुर्खियों में आईं एप्पल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स (Laurene Powell Jobs) ने मंगलवार को दीक्षा लेकर पूरी तरह से हिंदू दर्शन को अपना लिया। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने उन्हें दीक्षा दी।

लॉरेन को देवी काली का बीज मंत्र दिया गया

स्वामी कैलाशानंद गिरि के मीडिया सलाहकार शगुन त्यागी ने मीडिया को बताया कि लॉरेन को देवी काली का बीज मंत्र दिया गया है। दीक्षा के दौरान लॉरेन पॉवेल ने गुरु को दक्षिणा भी दी, जिसकी जानकारी गुप्त रखी गई है। इस दौरान समारोह में गुरु के निजी सचिव अवंतिकानंद और लॉरेन के सचिव पीटर भी मौजूद रहे। दीक्षा के बाद स्वामी जी ने लॉरेन को नया नाम ‘कमला’ दिया।

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लॉरेन पॉवेल ने तीन दिन तक निरंजनी अखाड़े के शिविर में रहकर गुरु और सनातन धर्म से जुड़ी गहरी जानकारी प्राप्त की। स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि लॉरेन बहुत ही सहज, सरल और ज्ञान की भूखी हैं। वह हिंदू दर्शन, गुरुओं की परंपरा और सनातन धर्म के विभिन्न पहलुओं को लेकर सवाल पूछती रहीं, जिनका उत्तर दिया गया। लॉरेन पॉवेल के लिए कुंभ मेला क्षेत्र के डोम सिटी में रहने की व्यवस्था की गई है।

हालांकि मकर संक्रांति पर हुए अमृत स्नान में लॉरेन शामिल नहीं हो सकीं। सोमवार को मेले में भारी भीड़ के कारण उन्हें परेशानी हुई, जिसके चलते उन्होंने शिविर में ही रहने का निर्णय लिया।

टेक्नोलॉजी की दुनिया में क्रांति लाने वाले एप्पल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स का वर्ष 2011 में निधन हो गया था। स्टीव जॉब्स खुद भी भारतीय दर्शन और अध्यात्म से प्रभावित थे। उनके बारे में कहा जाता है कि वह भी भारत के कई आश्रमों में गए और ध्यान की गहराई को समझा। लॉरेन पॉवेल जॉब्स का यह कदम भी उनके आध्यात्मिक जुड़ाव का संकेत देता है। दीक्षा लेकर उन्होंने हिंदू धर्म की परंपराओं और भारतीय संस्कृति को पूरी तरह से स्वीकार कर लिया है।