केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। इसी बीच कुछ लोग बार-बार रिलायंस जियो मोबाइल टावरों की बिजली काट रहे हैं। कुछ दिन पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इसके खिलाफ अपील की थी लेकिन इसके बावजूद पंजाब के कुछ किसान समूहों ने रविवार को टावरों की बिजली की काट दी।

सूत्रों ने कहा कि बिजली कनेक्शन काटे जाने से पिछले 24 घंटों में 150 से अधिक मोबाइल टावर प्रभावित हुए हैं। विरोश प्रदर्शन शुरू होने से अबतक 1,338 से अधिक मोबाइल टॉवरों की बिजली काटी गई है। ताजा मामला बठिंडा के तलवंडी साबो इलाके का है। फाजिल्का में भी यही काम कई सीमावर्ती गांवों में किया गया। कुछ क्षेत्रों में संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया है। मनसा के मूसा गांव में टावर से जुड़े एक पोल को फेंक दिया गया, जबकि एक केबल बॉक्स भी जला हुआ पाया गया। सूत्रों ने कहा कि केबल की मरम्मत कर रहे कंपनी के कुछ कर्मचारियों के साथ ग्रामीणों ने धक्का मुक्की भी की है।

बीकेयू (उग्राहन) के उपाध्यक्ष शिंगारा सिंह मान ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हमने किसी को ऐसा कुछ करने के लिए नहीं कहा है। बल्कि हम अपने सदस्यों को यह बताने वाले पहले संगठन थे कि उन्हें विरोध में टावरों को या उनके बिजली कनेक्शन को नुकसान नहीं पहुंचाना है। हम तो सिर्फ दूरसंचार कंपनी का कर रहे विरोध और हमारा ध्यान सिर्फ उसका बहिष्कार करने पर है।

शिंगारा सिंह ने कहा कि ये किसी की शरारत है। यदि कोई ऐसा कर रहा है तो वह खुद से ऐसा कर रहा है, क्योंकि वह कॉरपोरेट्स से नाराज़ होगा। बीकेयू संगठन का इससे कोई लेना देना नहीं है। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) के समन्वयक डॉ धर्मपाल ने कहा, “हमने पंजाब, हरियाणा के गांवों में सभी से अपील की … हमारा ध्यान केवल बहिष्कार करना है और कुछ नहीं है।”

AIKSCC के कार्यसमिति सदस्य जगमोहन सिंह ने कहा, ” संयुक्ता किसान मोर्चा और 32 किसान यूनियनों ने ऐसी कार्रवाइयों से बचने के लिए किसानों को दो बार अपील जारी की है। हमारा विरोध अब तक शांतिपूर्ण रहा है और आगे भी शांतिपूर्ण तरीके से चलने दिया जाये… मारे यूनियनों ने स्पष्ट रूप से अपने सदस्यों से कहा है कि वे सिर्फ जियो कनेक्शन का बहिष्कार करें।”