समाजवादी पार्टी के नेता और लोकसभा  सांसद आजम खान की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। जमीन हड़पने के सिलसिले में दो दर्जन से अधिक मामले उनके नाम पहले ही दर्ज हैं। संसद में अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल के चलते उन्हें संसद में माफी भी मांगनी पड़ी। अब उनके लिए नई मुश्किल यह खड़ी हुई है कि 1774 में चोरी हुई किताबें आजम खान की यूनिवर्सिटी से बरामद हुई हैं। उत्तर प्रदेश के रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी पर प्रशासन ने छापा मारा जहां ये किताबें बरामद हुईं। इस मामले में यूनिवर्सिटी के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है।

एसपी अजयपाल शर्मा का कहना है कि 1174 में रामपुर में स्थापित मदरसा आलिया से काफी पुरानी पुस्तकें चोरी हो गई थीं जो जौहर युनिवर्सिटी से बरामद हुई हैं। जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर बनी मुमताज सेंट्रल लाइब्रेरी में पुलिस अधिकारी जांच कर रहे हैं। एसपी रामपुर अजयपाल शर्मा के मुताबिक 16 जून को शिकायत की गई थी कि रामपुर के ऐतिहासिक मदरसा आलिया की कई चीजें और पुरानी किताबें चोरी कर ली गई हैं।

खबरों के मुताबिक 400-500 किताबें जिनकी स्थानीय मदरसे से चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी, वह सभी किताबें जौहर यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी से बरामद की गई है।पुलिस के अनुसार स्थानीय मदरसे से किताबें चोरी होने की शिकायत के बाद यूनिवर्सिटी में बड़ा छापा मारा गया जहां यह किताबें बरामद की गई।

गौरतलब है कि रामपुर के उपजिलाधिकारी ने यूनिवर्सिटी के अंदर बने सार्वजनिक मार्ग से अनाधिकृत कब्जा हटाने का आदेश दिया है। यह आदेश 25 जुलाई को दिया गया।इसके अलावा प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए आजम खान को क्षतिपूर्ति के रूप में 3 करोड़ 27 लाख 60 हजार देने को कहा है। आजम खान को कब्जा मुक्त होने तक 9,10,000 प्रति माह की दर से लोक निर्माण विभाग को देने को कहा गया है।