पीएम नरेंद्र मोदी ने पार्टी सांसदों से बुधवार (7 दिसंबर) को कहा कि वह लोगों के पास जा-जाकर नोटबंदी के फैसले के बारे में समझाएं और उन्हें बताएं कि फैसला क्यों सही है। नोटबंदी के खिलाफ उठ रही आवाजों को दबाने के लिए बीजेपी हर बार यही कहती है कि उसे लोगों का समर्थन प्राप्त है। बुधवार (7 दिसंबर) को संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले भी पीएम मोदी ने संसदीय सदस्यों के साथ मीटिंग की। बीजेपी कांग्रेस के दोहरे रवैये को भी मुद्दा बना रही है। कहा गया कि पहले कांग्रेस कह रही थी कि पीएम मोदी को नोटबंदी के मुद्दे पर बोलना चाहिए, लेकिन जब वह बोलने के लिए तैयार हो गए तो कांग्रेस कहने लगी कि वे चाहते हैं कि पहले पीएम मोदी संसद में विपक्ष से अपने बयान को लेकर माफी मांगे। दरअसल, एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा था कि नोटबंदी का विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि लोगों को तैयारी (पैसे छिपाने) करने का वक्त नहीं मिला। इसपर कांग्रेस समेत विपक्ष की कई पार्टियां नाराज हैं।

वहीं संसद में पीएम मोदी और नोटबंदी के विरोध के लिए हो रहे हंगामे पर केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा, ‘देश की जनता पीएम मोदी के साथ है। पीएम मोदी ने इस हफ्ते टाइम मैगजीन पर्सन ऑफ द ईयर का ऑनलाइन रीडर खिताब जीतकर यह दिखा दिया है।’

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला लिया था। ऐलान किया गया था कि 500 और 1000 रुपए के नोट चलने बंद हो जाएंगे और 2000 और 500 के नए नोट चलाए जाएंगे। पीएम मोदी ने कहा था कि उन्हें सब ठीक करने के लिए 50 दिन के लिए लोगों का साथ चाहिए। पीएम मोदी अपनी कई रैलियों के साथ-साथ कार्यक्रमों में भी इस बात का जिक्र कर चुके हैं।