प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें फर्जी खबरों के प्रकाशन या प्रसारण का दोषी पाए जाने पर पत्रकार की मान्यता निलंबित या रद्द करने की बात कही गई थी। मंगलवार (3 अप्रैल, 2018) को पीएम मोदी ने स्मृति ईरानी के मंत्रालय को अपना आदेश वापस लेने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि फर्जी खबर पर कोई भी फैसला प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया या एनबीए लेगा। इसमें सरकार का कोई दखल नहीं होगा। बता दें कि पूर्व में स्मृति ईरानी के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पत्रकारों की मान्यता संबंधी दिशा-निर्देशों को संशोधित कर कहा था कि अगर पत्रकार फर्जी खबरों का प्रसारण या प्रकाशन का दोषी पाया गया तो उसकी मान्यता रद्द हो सकती है।

मंत्रालय ने यह बात एक विज्ञप्ति के जरिए कही थी। इसमें कहा गया कि पत्रकारों की मान्यता के लिए संशोधित दिशा-निर्देशों के मुताबिक अगर फर्जी खबर के प्रकाशन या प्रसारण की पुष्टि होती है तो पहली बार ऐसा करते पाए जाने पर पत्रकार की मान्यता छह महीने के लिए, जबकि दूसरी पर ऐसा हुआ तो एक साल के लिए रद्द कर दी जाएगी। विज्ञप्ति में आगे कहा गया कि अगर पत्रकार तीसरी बार फर्जी खबरों के प्रसारण या प्रकाशन का दोषी पाया गया तो उसकी मान्यता स्थाई रूप से रद्द कर दी जाएगी।