हाल के दिनों में टीवी न्यूज चैनल पर बहस कितनी तीखी हो चली है यह किसी से छिपा नहीं है। न्यूज चैनल्स पर बैठे पत्रकार और नेता आपस में शब्दों के बाण चलाते नजर आ जाते हैं। आलम यह है कि टीवी न्यूज चैनल पर पैनलिस्ट भी आपस में भिड़ते नजर आते हैं और कभी कभी आवेश मे आकर लोग अंदर की बातें बोल जाते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ एक टीवी चैनल पर बहस के दौरान जहां प्रेस की आजादी पर बहस हो रही थी, इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता और आम आदमी पार्टी के नेता रह चुके आशुतोष के बीच तीखी बहस हो गई। दरअसल, प्रेस की आजादी को लेकर सवाल हो रहा था और आशुतोष का कहना था कि मौजूदा मोदी सरकार में प्रेस को दबाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने चार अखबारों के सरकारी विज्ञापनों बंद कर दिए हैं और इस शासन में मीडिया की आजादी को दबाया जा रहा है। इस पर वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता भड़क उठे और उन्होंने कहा कि हर सरकार में ऐसा होता है। कांग्रेस के समय में भी ऐसा ही होता था, उन्होंने कहा कि पीएम के सलाहकार रहे संजय बारू विनोद मेहता को फोन करके विरोध करते थे। विनोद मेहता ने कहा कि हर पार्टी ऐसा करती है, चाहे वो बीजेपी हो कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी हो।
बता दें कि विनोद मेहता देश के प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में से एक द पायोनियर और आउटलुक जैसे समाचार-पत्र पत्रिकाओं के संपादक रहे थे। वह आउटलुक के संपादक और संस्थापक भी थे। 2014 में द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर किताब प्रकाशित कर सियासी भूचाल लाने वाले संजय बारू फाइनेंशियल एक्सप्रेस और बिजनेस स्टैंडर्ड के चीफ एडिटर रहे हैं।