कुत्तों का आतंक आए दिन देखने को मिलता रहता है। कई बार तो स्थिति ऐसी की लोग घर से बाहर निकलने में भी डरते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए गोवा कैबिनेट ने बुधवार को एक विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक में पिटबुल और रोटवीलर समेत कई खूंखार कुत्तों की नस्लों के खरीद, बिक्री के साथ ही उसके प्रजनन पर भी प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की कैबिनेट से इसको मंजूरी मिली है। मंजूरी मिलने के बाद ये विधेयक 21 जुलाई से 8 अगस्त तक चलने वाले आगामी मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में पेश किया जाएगा।

फरवरी के समय में कुत्तों का आतंक बढ़ गया था जिसके बाद लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस विधेयक को मंजूरी दी है। कुछ समय पहले “आक्रामक” कुत्तों की नस्लों से जुड़ी कई घटनाओं के बाद, मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि कैबिनेट ने प्रदेश में ‘रॉटविलर’ और ‘पिटबुल’ कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध लगाने को मंज़ूरी दे दी है। उस समय, सावंत ने कहा था कि सरकार गोवा पशु प्रजनन और घरेलू विनियमन एवं क्षतिपूर्ति अध्यादेश 2024 में एक संशोधन लाएगी, जिसमें राज्य भर में इन दो नस्लों के कुत्तों की बिक्री, आयात और प्रजनन पर प्रतिबंध शामिल होगा।

कानून नहीं मानने वालों पर लगेगा जुर्माना

इस विधेयक को लेकर एक सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “अध्यादेश कैबिनेट द्वारा पिछली बार भी पारित कर दिया गया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया। अब, विधेयक पेश किया जा रहा है। इसमें खूंखार नस्ल के कुत्तों के खरीद, ब्रिकी, प्रजनन और पालतू बनाने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। जिन कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, उन्हें विधेयक पारित होने के बाद अधिसूचित किया जाएगा। जिन लोगों के पास पहले से अधिसूचित खूंखार नस्ल के कुत्ते हैं, उन्हें उनकी नसबंदी कराने होंगे और पशुपालन विभाग में उनका पंजीकरण कराना होगा। जो लोग सरकार के नियमों का पालन नहीं करेंगे उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।”

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अप्रैल में लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, गोवा में कुत्ते के काटने के मामलों की संख्या 2022 में 8057 से बढ़कर 2023 में 11,904 हो गई थी। जबकि 2024 में कुत्ते के काटने के मामलों की संख्या बढ़कर 17,236 हो गई। इस साल जनवरी में ही 1789 कुत्ते के काटने के मामले सामने आए।

कुत्तों के हमले से कई लोगों की हो चुकी है मौत

जनवरी 2025 में, उत्तरी गोवा के अस्सागाओ में एक 40 वर्षीय व्यक्ति को एक पालतू रोटवीलर कुत्ते ने काट लिया था, जिससे वह घायल हो गया था। इस घटना के बाद, अस्सागाओ ग्राम पंचायत ने एक नोटिस जारी कर कुछ नस्लों (पिटबुल, रोटविलर) के मालिकों से अनुरोध किया कि वे “अपने पालतू जानवरों को खुले सार्वजनिक स्थानों पर न छोड़ें और न ही उनके साथ घूमें”, और कहा कि ऐसा अपराध “दंडनीय” माना जाएगा।

पिछले साल अगस्त में, उत्तरी गोवा के अंजुना में एक पिटबुल के जानलेवा हमले में सात साल के एक लड़के की मौत हो गई थी। घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली महिला का लड़का अपनी मां के साथ उसकी मालकिन के घर गया था। जहां मालकिन के कुत्ते ने लड़के की गर्दन और शरीर पर काट लिया। जिस वजह से उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया था और कुछ नस्लों के कुत्तों पर प्रतिबंध सहित सख्त नियमों की मांग उठी थी।